*ये तो होना ही था*
कारण ?
मैं कल्याण मासिक पत्रिका का दो साल के लिए उपभोक्ता हेतु पैसा जमा किए जिसमें उन्होंने जून 2024 तक का पत्रिका हाथ में दे दिए और बोले डाक द्वारा हर महीने आपके पास पत्रिका जाता रहेगा पर पिछले साल जुलाई से मुझे कोई पत्रिका प्राप्त नहीं हुआ इसके लिए मै मेल किए फोन किए पर कोई सुनवाई नहीं हुई और अब पर्ची ले कर उपभोक्ता फोरम जा कर अपने धर्म संस्था के प्रति केश करना नहीं चाहते।
*शायद ईश्वर ने अपने तरीके से गीता प्रेस को समझाने का पहला प्रयास किए है।*
*पर इस क्षती के प्रति मैं दुख प्रकट करता हूं।