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अति बारिश और बाढ़ से निपटने के लिए सरकार ने शुरू की तैयारी ***

*** जेडीन्यूज़ विज़न ***

लखनऊ : : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के कुछ जिलों में बाढ की आशंका को देखते हुए बाढ़, जल भराव से राहत के लिए अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अतिवृष्टि के बाद मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की।

विभाग के अनुसार बीते 24 घंटे में प्रदेश के कई मेरठ, मैनपुरी, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, औरैया, कासगंज, लखनऊ, झांसी, कानपुर नगर, हापुड़, अलीगढ़, बुलंदशहर, फतेहपुर, गाजीपुर, प्रयागराज, शामली, अमेठी और गौतम बुध नगर सहित अन्य जिलों में तेज बरसात हुई है।

प्रदेश में एक जून से वर्षा का औसत सामान्य के सापेक्ष 112% है। प्रदेश के 33 जिलों में अधिक वर्षा हुई है। 21 जिलों में सामान्य वर्षा हुई है, 9 जिलों में कम बरसात हुई है, 12 जिलों में बहुत कम बरसात हुई है। प्रदेश में खतरे के जलस्तर से ऊपर कोई नदी नहीं बह रही है। यमुना नदी में मावी स्थल पर नदी के जलस्तर के बढ़ने की प्रवृत्ति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अतिवृष्टि के बाद अगले कुछ दिनों में प्रदेश की विभिन्न नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी की आशंका है। मौसम विशेषज्ञों ने जुलाई में कुछ जिलों में अच्छी वर्षा होने की संभावना जताई है। उन्होंने कहा कि सिंचाई एवं जल संसाधन, राहत, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज सहित अन्य विभागों को राहत कार्य से जुड़ी तैयारियां रखने के निर्देश दिए। कहा कि, अधिकारी मौसम की बदलती परिस्थितियों पर नजर बनाए रखें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई जगह पर गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी देखी गई है। उन्होंने सभी नदियों के जलस्तर की मॉनीटरिंग करने, प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ/पीएसी की फ्लड यूनिट तथा आपदा प्रबंधन टीमों को 24 घंटे सतर्क रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की भी मदद ली जाए।

उन्होंने कहा कि हमें बाढ़ के साथ-साथ जलभराव की समस्या का भी समाधान समय पर करें। जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, अधिशाषी अधिकारी एवं पुलिस की संयुक्त टीम जलभराव से बचाव के लिए स्थानीय आवश्यकता के अनुसार व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी, क्षेत्रीय सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, नगरीय निकाय के अध्यक्ष से बात कर जल भराव की समस्या का समाधान कराएं। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों में पशुओं को सुरक्षित अन्य स्थानों पर ले जाने और उनके चारे पानी के इंतजाम करने के निर्देश दिए। उन्होंने बरसात के दौरान रैटहोल/रेनकट की स्थिति पर नजर रखने और तटबंधों की लगातार पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ और अतिवृष्टि प्रभावित इलाकों में नौकाएं, राहत सामग्री, पेट्रोमैक्स के पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए। बाढ़ एवं अतिवृष्टि से पर प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते कुछ दिनों में आकाशीय बिजली से कई स्थानों पर लोगों की मौत हुई है। इस वर्ष पूर्वी उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएँ ज्यादा हो रही हैं। आकाशीय बिजली के पूर्वानुमान के लिए (अर्ली वार्निंग सिस्टम) की बेहतर प्रणाली विकसित करने और गांवों में रेन गेज़ लगाने का काम जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में धान की रोपाई सामान्य रूप से चल रही है। प्रदेश में 58.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की रोपाई होनी है इसमें से अब तक 18 लाख हेक्टेयर में रोपाई हो चुकी है। उन्होंने कहा कि धान की रोपाई की प्रगति के अनुश्रवण के लिए डिजिटल प्लेटफार्म विकसित किया जाए, ताकि जिलावार रोपाई की सटीक स्थिति समय पर पता चल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कहीं भी यूरिया की किल्लत नहीं होनी चाहिए। किसानों को समय पर पर्याप्त यूरिया उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

राहत विभाग के अनुसार बीते 24 घंटे में आकाशीय बिजली गिरने से पांच, पानी में डूबने से दो और सर्पदंश से एक व्यक्ति की मौत हुई है। सहारनपुर के 25 गांवों और 12 नगरीय मोहल्लों में बाढ़ के कारण प्रभावित 225 लोगों को नौ बाढ़ शरणालय में रखा गया है। जिनके भोजन एवं रहने की उचित व्यवस्थाएं की गई है। प्रदेश में अन्य किसी जिले में ऐसी स्थिति नहीं है।

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