(मुन्नू लाल तिवारी)
मोहनलालगंज /लखनऊ : :-क्षेत्र में देखने से पाया गया मोहनलालगंज क्षेत्र के कई ग्रामों में लेखपालों को लापता है चक मार्ग ना पता है एरिया ना पता है ना भी ना पता है ना ही पता है कि कहां पर नाली है चक मार्ग है क्षेत्रफल कितना है किस किसान का किस नदी का कृषक मार्ग का पैमाइश करने हेतु लेखपाल महोदय जब क्षेत्र में पहुंचते हैं तो केवल मात्र है उस उस का चक्र नाप करो अन्य व्यवस्थाओं की पूर्ति करते हैं क्या कानून यह बता रहा है सीमांकन कहां से करना चाहिए कहां पर विराम लगाना चाहिए किसी भी लेखपाल से पूछने से प्रतीत हुआ कि उनको कुछ आता जाता नहीं है मां के पैसा कमाने के समीक्षा पर आक्रमण को जानते हैं इसी क्रम में इसी मोहनलालगंज क्षेत्र के कई नागरिकों ने बताया कि लेखपाल महोदय वर्तमान समय में पहले पैसे का सवाल करते हैं कि कितना धन मुझे मुहैया कर आओगे अगर मुझे दोगे तो मैं तुम्हारा रकबा तुम्हारे अगले के अनुसार निकाल दूंगा अन्यथा नहीं यह है असली कानून कानून की जय करो कानून वहीं पर है कानून लोगों की जेल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लेखपाल किस जेल में है लेखपाल संघ होने की बदौलत अनहोनी वासियों की समीक्षा करते हैं यह है असली कानून अगर लेखपाल के पास धन नहीं दिया अगर धन नहीं दोगे तो आपका काम नहीं होगा यह है लेखपाल महोदय की मांग