**जेडीन्यूज़ विज़न **
०गांव वालों के द्वार पर सोकर गुजार रहे रात, सुबह उठते ही न्याय के लिए शुरू हो जाती है दौड़०००
काकोरी /लखनऊ : : लखनऊ के चर्चित श्रवण साहू हत्याकांड में अधिकारियों की लापरवाही के दाग अभी धुल भी नही पाए हैं कि साहू पार्ट टू राजधानी लखनऊ के थाना क्षेत्र काकोरी में घटित होने की तरफ निरन्तर बढ़ रहा है। इस बार श्रवण नही राम खेलावन साहू व राम चन्द्र साहू दबंगो की ग्रिफ्त में आ गए कानून व्यवस्था के चक्कर लगाते हुए रोज एक नए अधिकारी की चौखट पर नतमस्तक होकर न्याय की भीख मांग रहे है लेकिन न्याय कही मिलता नजर नही आ रहा है दोनों की पत्नियां अपने बच्चों के आशियाने को बचाने के लिए दबंगो के कहर की शिकार भी हुई जिसमें दबंगो ने जमकर पिटाई करते हुए घर से भगा दिया।
तहसील क्षेत्र मलिहाबाद व थाना क्षेत्र काकोरी के ग्राम ख़ालिशपुर में राम स्वरूप साहू अपने बच्चों के साथ रह रहा था जिसके तीन बेटे राम चन्द्र साहू ,राम कुमार साहू,राम खेलावन साहू,हुए और अपने जीवन काल में एक मकान लखनऊ में लिया जिसमें राम कुमार रहने लगा और दो बेटों राम चन्द्र साहू ,राम खेलावन साहू के साथ अपने पैतृक गांव के घर में रहने लगा । ख़ालिशपुर के ग्रामीणों ने बताया कि राम स्वरूप की म्रत्यु बाद गांव के दबंगो ने एक बेटे राम कुमार साहू से मिलकर दोनों बेटे के घर को हड़पने के लिए राम चन्द्र साहू व राम खेलावन साहू को आये दिन सताने लगे और 2014 में घर पर कब्जा करने की नीयत से दोनों को घर से बाहर करके अपना ताला जड़ दिया लेकिन ग्रामीणों की एकजुटता से दोनों लोग बेघर होने से बच गए ।
2015 से 2020 के ग्राम प्रधान द्वारा स्वच्छता मिशन के तहत शौचायल मिला जिसका निर्माण कराया और मुद्रा लोन लेकर दो दुकानों का निर्माण कराते हुए दुकान खोलकर अपना जीवन यापन करने लगे इसी दौरान कोरोना काल में दुकान का सामान उधार बिकता गया और लोन की कि़स्त नही दे पाने से कठिनाइयों से घिरते गए तो राम चन्द्र शहर सब्जी बेचकर गुजर बसर करने चला गया और राम खेलावन कानपुर शहर में एक फैक्ट्री में काम करके अपनी जीविका चलाने लगा दोनों लोग पैतृक गांव कभी कभी आते रहते थे। पीड़ितों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास मिलने के बाद दो कि़स्त के पैसे से घर का निर्माण किया है और तीसरी कि़स्त मिलने के इंतजार में छत की ढलाई नही हो पाई और 23 जुलाई को गांव के दबंग सुनील कुमार ,सुशील कुमार ने घर का ताला तोड़कर अपना ताला जड़ दिया और लगभग 50 से 60 लोगों के साथ निर्माण कार्य शुरू कर दिया जब पड़ोसियों द्वारा फोन से पता चला कि मेरे घर पर अवैध कब्जा किया जा रहा है तो डायल 112 पर फोन किया लेकिन काम नही रुका करीब दो घण्टें बाद कानपुर से थाना काकोरी पहुंची तो पुलिस ने राजस्व का हवाला देते हुए कोई कार्यवाही नही किया। जब शाम को अपने घर गई तो दबंगो ने पीटा और जान से मारने के लिए दौड़ा लिया। पीड़ितों ने बताया कि 23 तारीख से लखनऊ कमिश्नर ,डी सी पी पश्चिम ,एसीपी काकोरी से मिलकर प्राथर्ना पत्र दिया लेकिन सबने राजस्व का हवाला देते हुए कोई कार्यवाही नही किया।जब पीड़ितों ने मलिहाबाद उपजिलाधिकारी से मिलकर शिकायत दर्ज कराई तो उन्होंने जांच कराने का आदेश देते हुए पला झाड़ लिया। पीड़िता गांव के लोगों के घर के बाहर सो कर रात गुजार रही है और सुबह बिना नहाए अफसरों से न्याय के लिए उनके ऑफिस पहुंच जाती है।
थाना काकोरी के एक उपनिरीक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गरीब के साथ राजनीतिक दबाव में अन्याय हो रहा है जब उसका मकान दुकान पहले से बना है तो कोई जबरदस्ती कब्जा कैसे कर सकता है हम सब का एक दयारा है चाह कर उसके साथ न्याय नही कर पा रहे हैं।