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बनारस : : नगर में ज्ञानवापी मस्जिद में जहां शिवलिंग मिला था वहीं पर ईद के दिन वजू के इंतजाम करवाए जा रहे हैं। सॉलीसिटर जनरल ने जब सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को लिखित में ये आश्वासन दिया तभी उन्होंने इस मांग को लेकर दायर याचिका को निपटाते हुए उनका पीछा छोड़ा।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच ने सॉलीसिटर जनरल से सवाल जवाब किए। उनको बताया भी कि कैसे इंतजाम और बेहतर हो सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई के साथ जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने एसजी तुषार मेहता से कई चीजों को लेकर अपनी आशंकाओं का समाधान किया। मेहता ने बेंच को बताया कि वजू के लिए पानी का पर्याप्त इंतजाम करा दिया जाएगा। बनारस के प्रशासन को इस बारे में सारी हिदायतें जारी कर दी गई हैं। जस्टिस नरसिम्हा ने मेहता से कहा कि वजू के लिए बड़े टब मस्जिद परिसर के भीतर विवादित जगह पर रखवाए जाएं। मेहता का कहना था कि छह टबों का इंतजाम करा दिया गया है। जस्टिस ने उन्हें हिदायत देकर कहा कि टब ही होने चाहिए, बाल्टियां नहीं। इस बात का ध्यान रखा जाए।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने भी मेहता को हिदायत देकर कहा कि ये ध्यान रखा जाए कि ईद के दिन मस्जिद में नमाज के लिए आने वाले लोगों को असुविधा न हो। उन्होंने भी कहा कि टब बड़े होने चाहिए, छोटे नहीं। मेहता ने कहा कि हम इतने पानी का इंतजाम कर रहे हैं जिससे हर नमाजी वजू कर सके।
बेंच ने उसके बाद अपने फैसले में लिखा कि सॉलीसिटर जनरल ने लिखित में आश्वासन दिया है कि वजू के लिए पर्याप्त पानी का इंतजाम कराया जा रहा है। बनारस के कलेक्टर इसे लेकर संजीदगी से कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि ईद पर मस्जिद में आने वाले लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी।
तुषार मेहता ने बेंच को बताया कि नमाज के लिए आने वाले लोगों के लिए मस्जिद से 70 मीटर दूर इंतजाम करा दिया गया है। लेकिन मुस्लिम पक्ष कह रहा है कि मस्जिद परिसर के भीतर ही ये इंतजाम कराया जाए। सीजेआई का सवाल था कि शुक्रवार और ईद के लिए मस्जिद के भीतर ऐसे इंतजाम क्यों नहीं कराए जा सकते तो मेहता ने कहा कि अगर भीतर बाथरूम बनाए जाते तो नमाजियों को शिवलिंग या फिर इनके हिसाब से फव्वारे वाली जगह से होकर जाना पड़ता। ये फिलहाल ठीक नहीं लगता।
अंजुमन इंतजामिया कमेटी (ज्ञानवापी की मैनेजमेंट को देखने वाली कमेटी) की तरफ से पेश एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने जब कहा कि वजू के लिए नमाजियों को 70 मीटर दूर क्यों भेजा जा रहा है तो मेहता ने तुरंत उनकी बात को काटते हुए कहा कि वजू के लिए नहीं। वजू तो वहीं होगा जहां पर शिवलिंग मिला है। केवल बाथरूम 70 मीटर दूर पर बनाए गए हैं।
ध्यान रहे कि हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद में एक शिवलिंग मिला है। जबकि मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बताता है। फिलहाल ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट और बनारस की सेशन कोर्ट अलग अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। शिवलिंग की जांच कराने को लेकर सेशन कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करके पूछा है कि क्या ऐसा संभव है।