***जेडीन्यूज़ विज़न ***
हमारे लिए प्यार और शांति से जीने में मुख्य बाधाएँ क्या हैं? भगवान प्रेमपूर्वक हमारा ध्यान उन जुड़वाँ बुराइयों की ओर दिलाते हैं जो हमारे सुख में बाधक हैं।_
इच्छा पर विजय प्राप्त करके आप निःस्वार्थ बन जाते हैं। जब आप इच्छाओं से अभिभूत होते हैं, तो आप संतुष्ट नहीं हो सकते। अतृप्त इच्छाओं के नशे में चूर होने पर आप इंद्रियों पर नियंत्रण खो देंगे।
इसमें कोई शक नहीं कि कोई इच्छाओं से बच नहीं सकता। लेकिन एक सीमा होनी चाहिए! असीम इच्छाएँ विनाश का कारण बनती हैं। ऐसे व्यक्ति से सुख-समृद्धि दूर हो जाती है। जिस क्षण मनुष्य अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करने में सक्षम हो जाएगा, सभी चीजें उसके पास अपने आप आ जाएंगी! लोभम हित्वा सुखी भवति – लोभ को जीतो, सुख का बोध करो।
लालच मानव दुख का एक और कारण है। लोभ आपको भौतिक, बौद्धिक या आध्यात्मिक हर प्रकार के सुख से दूर कर देता है! इतना धन और शक्ति होने के बावजूद दुर्योधन और दुशासन की खुशी से जीने में विफलता का कारण लालच है।
इसलिए लालच को अपने दिल से निकाल दें। यह कैसे किया जाना है? जब आप त्याग की भावना को बढ़ावा देंगे, तो लालच दूर हो जाएगा! लोभ से भरे हृदयों में आनंद के लिए कोई स्थान नहीं है। आप पानी से भरे गिलास को दूध से नहीं भर सकते। पहले गिलास को खाली करो और फिर उसमें दूध भरो! इसी तरह, लोभ से छुटकारा पाओ और अपने हृदय को बलिदान से भर दो!
भगवान श्री सत्य साईं बाबा जी द्वारा दिव्य प्रवचन