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यूपी में राहुल आम जनता का चेहरा बन चुका है। राहुल का कॉन्फिडेंस पहले की अपेक्षा कही ज्यादा, अब संसद से सड़क तक आम मुद्दे उठा कर जनता के और करीब आए हैं। राहुल का शादी में ना जाना उनके भविष्य के लिए फायदेमंद हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता एवं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता ठाकुर संजीव कुमार सिंह एडवोकेट का ये कहना हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता एवं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता ठाकुर संजीव कुमार सिंह एडवोकेट ने कहा कि सोशल मीडिया पर एक कैप्शन बड़े जोरो पर है कि राहुल गांधी मुकेश भाई के बेटे की शादी में नही गए और लोगो की खूब तारीफे बटोर रहे है। अब अपने मन को कही न कही तो तसल्ली तो देनी है लेकिन असल माजरा कुछ और है। इन बड़े लोगो की दुनिया में सब काम बड़े सोच समझ कर किए जाते है। आज़ राहुल गांधी की बात करना यहां जरूरी है। गांधी परिवार को न्योता देने खुद मुकेश अंबानी उनके घर आए इंतजार किया और इसके बावजूद राहुल सोनिया शादी में सम्मिलित नही हुए। कारण है इसके जो मुझे समझ में आते है। कोई दस साल पहले नरेंद्र दामोदर दास मोदीजी नाम का एक व्यक्ति खुद को चाय वाला बना कर देश के सर्वोच्च पद तक पहुंच गए और उसके बारे में ये भारी भरकम प्रचार किया गया कि उनकी पहुंच सीधे आमजन तक है। देश ने तब इस व्यक्ति की बड़ी महिमा गाई गई वही इमोशनल कार्ड का दांव चल गया। ये अलग बात है कि उन्होंने कितना भला किया जनता का और कितना चंद उद्योगपतियों का ये अब सब जान चुके है। 10 सालो का ट्रैक रिकॉर्ड अब हमारे पास मौजूद है। ये चायवाला प्रधानमंत्री बनकर आम जनता के दुख दर्द से इतना दूर हुआ की सोच भी नही सकते थे। इसीकारण अब लोगो का प्रतीक एक बड़ा राजनैतिक परिवार बन चुका था। गांधी परिवार जिससे सब नाक भौं सिकोड़ रहे थे और आम जनता का हीरो कौन था ? नरेंद्र मोदीजी।
श्री सिंह ने आगे कहा कि आज दस साल बाद तस्वीर उलटी नजर आ रही है, राहुल आम जनता का चेहरा बन चुका है और मोदी जी बड़े लोगो का, जहां वो हर जगह उनके साथ खड़े होते नजर आते है। राहुल का शादी में ना जाना जनता के बीच परसेप्शन बनाने की बात है और जिसका वो भरपूर इस्तेमाल कर रहे है। अपनी रैलियों में सड़क यात्राओं के दौरान और जनता भी उन्हे बड़े ध्यान से सुनती है, और राहुल को फॉलो करने वाले उनके द्वारा बोले गए एक – एक शब्द को सही मानते है था सरकार की नीतियों का सड़क से सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिलकर कड़ा विरोध करते हैं। आज़ राहुल का शादी में ना जाना उनके भविष्य के लिए फायदेमंद है। अब संसद के अलावा सड़क पर भी में राहुल वही आम मुद्दे उठाते है, तो मोदी उसे बाल बुद्धि कहकर खारिज करने का भरसक प्रयास कर रहे है लेकिन उसकी बात बनती नजर नही आती। राहुल का कॉन्फिडेंस पहले की अपेक्षा कही ज्यादा है और शादी में ना जाकर जनता के और करीब आया है। वो इस बहाने किसानो मजदूरों आम जनता के जीएसटी के पैसों का हिसाब मोदी जी से मांग रहा है। क्योकि राहुल गांधी पुरे देश का पैदल भ्रमण कर एक बात जान चुका है कि यही जनता उसे एक दिन सर्वोच्च पद पर ले कर जायेगी।