Jdñews Vision…
तुम्हें लेकर..सब कुछ देकर
अपने पापों को सहते हुए..
आप रखें
यातनाएं सह रहे हैं
इतने सारे साल.. इतने सारे साल
धरती माँ रो पड़ी..
सुनते हो या क्या..?
बंधन टूट गया.. दिल टूट गया..
अब आप और हम हैं
हम सभी ने गलती की..
धमकी ले आई..
पाप पक गया है..
जिंदगी तीन जैसी है..!
धरती जल रही है..
अंडरवर्ल्ड सूख रहा है..
कोई टपकना नहीं
अंकुर नहीं फूटता..
हवाएं चली गईं
सूरज क्या बचा है?
यदि आप अनुष्ठान करते हैं
क्या मौसम बदलेंगे?
क्या तालाब भरे हुए हैं?
यह सब बर्बादी है.. बर्बादी है..
हाथ जलने के बाद
पकड़ने के लिए छोड़ देता है
कोई समय नहीं बचा है…
कलिकालम..भूख ऋतु..
आसन्न कयामत..
विलय आसन्न है..
उभरता हुआ
गरम तरल
यह विनाशकारी उपद्रव है..!
तुम मत बदलो..
आपकी परेशानियां खत्म नहीं होंगी..
वहाँ देखो
कठिनाइयाँ हैं
आप जो खाना खाते हैं वह मिलावटी है..
वायु प्रदूषण
तुम्हारा दिमाग तो पागल है..
आपकी बीमारियाँ..
आपके बच्चे की विकलांगता…
कल तुम्हारी पीढ़ियों को भी नष्ट कर देगा
तेरी शरारत..
विनाश की पराकाष्ठा!
अगर यह बदल जाए..
यदि आप अभी भी अपनी आँखें खोलते हैं..
तुम्हारा विनाश
यदि आप कुछ कम कर दें..
डूबती शादी..
आने वाली बाढ़
कहीं रुक नहीं सकता..
हो सके तो टाल दो..
आपकी आने वाली पीढ़ियों के लिए
कुछ फायदा..!
आप..आपकी पीढ़ियां
कचे की माँ का हृदय टूट गया
रोते हुए देखो..
वह हॉट है.. हॉट है..
एक समय ऐसा था
अभिशाप तुम सहन नहीं कर सकते..
याद करना..!