गृहस्थाश्रम का वैभव अति विलक्षण ब्रह्मश्री चागंती कोटेश्वर राव—–।सिरीपुरम गुर्जदा कलाक्षेत्र में धर्मवर्धिनी ट्रस्ट के तत्वावधान में गृहस्थाश्रम की महिमा पर प्रवचन ब्रह्मश्री चागंती कोटेश्वर राव से शुरू हुआ।कार्यक्रम में आए शहरवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गृहस्थाश्रम की महिमा बहुत खास है। उन्होंने कहा कि विवाह किसी चीज के लिए नहीं होता बल्कि यह पति-पत्नी के बीच पारस्परिकता के आदर्श का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब पति-पत्नी जीवन भर साथ-साथ खुशी-खुशी रहते हैं तभी वह विवाह सार्थक होना चाहिए। दोनों पक्षों को अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए और रहना चाहिए। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के प्रमुख एलवी सुब्रह्मण्यम ने ज्योति प्रज्वलित करके कार्यक्रम की शुरुआत की, सीएमआर समूह के प्रमुख माओरी वेंकटरमण, आयुक्त पंचमर्थी अनुराधा चेरुवु रामकोटैया, अध्यात्मवादी एमवी राजशेखर और धर्मवधिनी ट्रस्ट के सदस्यों और चगंती सत्संग के सदस्यों ने बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया।
