***जेडीन्यूज़ विज़न ***
विशाखापत्तनम : : सिरिपुरम गुर्जदा कलाक्षेत्र में ब्रह्मश्री छगंती कोटेश्वर राव द्वारा धर्मवर्धिनी ट्रस्ट के तत्वावधान में गृहस्थाश्रम की महिमा पर दिया गया प्रवचन आध्यात्मिक भाव से निरंतर जारी है।इस अवसर पर चगंती कोटेश्वर राव ने कार्यक्रम में आए ग्रामीणों को संबोधित किया।जिसका पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य जन्म लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को पितृ ऋण, माता ऋण, ऋषि ऋण और ईश्वर ऋण अवश्य चुकाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गृहस्थाश्रम में परिवार के सभी सदस्यों, बड़ों से लेकर बच्चों तक को पूर्ण सुख तभी मिल सकता है, जब वे बिना किसी चिंता के रह सकें। उन्होंने कहा कि हर किसी को यह जानने की जरूरत है कि घर में पत्नी का बहुत पवित्र स्थान होता है और पत्नी के बिना पति द्वारा किया गया कोई भी अच्छा काम फलदायी नहीं होता है। उन्होंने कहा कि शादी पति-पत्नी के आपसी मेलजोल का प्रतीक है न कि शादी के लिए। उन्होंने सभी से यह पहचानने को कहा कि पति-पत्नी को पारंपरिक परंपराओं का पालन करना चाहिए और घर में बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। इसमें कहा गया है कि हमें अपने पूर्वजों का सम्मान करना चाहिए और संस्कृति के साथ रहना चाहिए। ब्रह्मश्री कोटेश्वर राव गारी धर्मपत्नी चगंती सुब्रह्मण्येश्वरी पूर्व एमएलसी पीवीएन माधव अन्नम राजू रामादेवी नारायण युगल अध्यात्मवादी एमवी राजशेखर और धर्मवधिनी ट्रस्ट के सदस्य चगंती चरण, चगंती सत्संग के सदस्य सूर्य राव, नारायण, एमवीएसएन मूर्ति, अधिकांश भक्त शहरवासी थे।