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एत्मादपुर तहसीलके गांव रुपधनू के किसान हरिओम सिंह की पारिवारिक आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी परिवार गरीब था बैंक का कर्ज था बिजली का बिल बाकी था किसान परेशान था कर्ज की मार के चलते के किसान ने अपनी जीवन लीला फांसी लगाकर खत्म कर ली, आखिरकार इसका जिम्मेदार कौन है गरीबी या फिर शासन प्रशासन जो किसानों पर दबाव बनता है, जैसे कि किसी किसीन ने बैंक से कर्ज खेत गिरवी रखकर केसीसी के माध्यम से लिया और किसान के खेत में फसल की पैदावार अच्छी नहीं हुई तथा लागत बढ़ गई ओर आमदनी घट गई अर्थात किसान को मुनाफा नहीं हुआ, जिसके चलते किसान बैंक का कर्ज जमा नहीं कर पाया तो बैंक द्वारा किसान को नोटिस भेजे जाते हैं और दवा बनाया जाता है, उसके पश्चात भी किसान पैसा नहीं जमा कर पाता है तो बैंक आरसी काट देती है और वह आरसी तहसील में पहुंच जाती है और तहसील पहुंचते ही तहसील प्रशासन किसान के घर की धूल लेना शुरू कर देता है, जिससे कि किसान परेशान हो जाता है और उस पर नाजायज दबाव बनाया जाता है जिसके चलते किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाता है क्योंकि सामाजिक बदनामी तथा प्रशासन का दबाव जिसके चलते इस प्रकार की घटना घटित हो जाती है, इसी प्रकार की घटना रुपधनु के किसान के साथ घटित हुई , किसान पर बैंक का तथा बिजली विभाग का कर्ज था जिसके चलते किसान परेशान था उस पर दबाव था इसी कर्ज के दबाव में किसान हरिओम में आत्महत्या ओर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी तथा किसान का परिवार आज अकेला हो गया पहले से ही आर्थिक स्थिति परिवार की ठीक नहीं थी अब बच्चों को शिक्षा दीक्षा तथा परिवार का पालन पोषण तथा परिवार की देखने वाला कोई नहीं रहा, मृतक किसान के भाई भानु प्रताप ने बताया कि मेरे भाई हरिओम ने आत्महत्या कर्ज से दबे होने तथा कर्ज से परेशान रहने के चलते की है, मेरे परिवार को न्याय मिले, मदद मिले | सिस्टम सुधार संगठन शासन प्रशासन से मांग करता है कि पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद तथा आवास एवं बच्चों को शिक्षा की व्यवस्था तथा मदद की जाए यदि ऐसा नहीं होता है तो बहुत जल्द सिस्टम सुधार संगठन पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए किसान सरदारी के साथ बहुत जल्द किसान महापंचायत आयोजित करेगा जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी ।