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देवरिया: :अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन होने के नाते समय-समय पर राष्ट्रीय एवं छात्रवृत्ति के मुद्दों पर अपनी आवाज प्रमुखता से रखती है।
इसी क्रम में आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद संत विनोबा पीजी कॉलेज इकाई के कार्यकर्ताओं के द्वारा महाविद्यालय में व्याप्त अनियमितताओं के खिलाफ धरना प्रदर्शन एवं आठ सूत्रीय ज्ञापन महाविद्यालय प्रशासन को दिया गया।
इस दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए मेरे महाविद्यालय के छात्र नेता श्याम मणि ने समस्याओं को गिनते हुए महाविद्यालय पर छात्रों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रान्त संयोजक राजकुमार यादव ने कहा कि यदि महाविद्यालय प्रशासन छात्रों की समस्याओं का निराकरण करने में किसी भी प्रकार की लापरवाही और लेट लतीफि करता है तो विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता महाविद्यालय प्रशासन के खिलाफ क्रमबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होंगे तथा छात्रों के हित के लिए महाविद्यालय प्रशासन की ईंट से ईंट बजा देंगे।
जिला संयोजक अमित मणि ने महाविद्यालय प्रशासन छात्रों के हित के लिए कोई काम न करने का आरोप लगाया इस दौरान विनय सिंह, शिखर, हिमांशु, वर्तिका, आराधना, दीपक, आंचल, मिश्रा, निपी, श्याम, आशुतोष,प्रशांत,कुलदीप,स्नेहा अंकित सृष्टि उज्जवल दीपांशु हिमांशु तथा महाविद्यालय के सैकड़ो छात्र मौजूद रहे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 8 सूत्री मांग निम्न है
1.महाविद्यालय में स्वच्छ पेय जल की व्यवस्था करायी जाए।
2.महाविद्यालय में नियमित रूप से छात्र-छात्रा के शौचालयों की साफ-सफाई करायी जाये।
3.क्लास की सफाई और क्लास रूम में रखे डेस्क की सफाई प्रतिदिन करायी जाए।
4. पुस्तकालय में नई पुस्तकों को
उपलब्ध कराया जाए व उसके वितरण की व्यवस्था शुरू किया जाये व उसमें
बैठ कर पढ़ने की उचित व्यवस्था करायी जाए I
5. सभी क्लास के पंखे, बल्ब ठिक कराया जाए।
6. रिजल्ट में जो भी गड़बड़ी आ रही है जिससे छात्र इधर- उधर भटक रहे हैं उसको संज्ञान में लेकर जल्द से जल्द सही कराया जाए।
7. लॉ में प्रवेश के लिए अभी तक फॉर्म क्यों नहीं दिए जा रहे जबकि विश्वविद्यालय से सम्बन्धित अन्य महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है।
8. कॉलेज द्वारा पुअर फण्ड के लिए सभी छात्रो से शुल्क लिया जाता है उस फण्ड से ग़रीब विद्यार्थियों का तत्काल सहायता किया जाये। इसमें किसी भी प्रकार से लापरवाही ना किया जाए।
उपरोक्त मांगों को महाविद्यालय प्रशासन को 10 दिनों में समाधान करने की मांग की अन्यथा की स्थिति में विद्यार्थी परिषद क्रमबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होगी