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आत्म विश्लेषण करने की शक्ति देता है आध्यात्मिक और दार्शनिक ज्ञान  – डॉ. उमर अली शाह…

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पिठापुरम : : श्री विश्व विज्ञान विद्या आध्यात्मिक पीठ के नौवें पीठाधिपति डॉ. उमर अली शाह ने कहा कि आध्यात्मिक और दार्शनिक ज्ञान व्यक्ति को अच्छे व बुरे का आत्म विश्लेषण करने की शक्ति देता है और मानव तंत्र सही दिशा में आगे बढ़ता है।  पीठम के सातवें प्रमुख हुसैन शाह की 119वीं जयंती मनाने के लिए सोमवार को पीठापुरम-काकीनाडा रोड पर नए आश्रम परिसर में आयोजित एक बैठक में अली शाह ने भक्तों को संबोधित किया।  ज्ञातव्य है कि मनुष्य में आध्यात्मिकता की कमी के कारण ही समाज में बुराइयों का निर्माण होता है।  ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति अपनी जीवनशैली में माया की शक्तियों से पीड़ित है और बेचैन और असंतुष्ट महसूस कर रहा है वह न केवल खुद को खो रहा है बल्कि अपने साथियों को भी खो रहा है।  यह बात सामने आ चुकी है कि आध्यात्मिक चिंतन से ही मनुष्य को मानसिक शांति मिल सकती है।  यह ज्ञात है कि यदि हम काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद और माश्च रय को समतल कर लें, जो हमारी आत्मा को परेशान करते हैं, तो हमें अच्छे और बुरे का विश्लेषण करने की शक्ति मिल जाएगी।  उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति बचपन से ही दार्शनिक ज्ञान प्राप्त कर ले तो वह जीवन भर शांतिपूर्ण जीवन जी सकेगा।  ऐसा कहा जाता है कि ध्यान, ज्ञान और मंत्र की त्रिवेणी का अभ्यास करने से दार्शनिक ज्ञान प्राप्त होता है।  उन्होंने कहा कि सभी को पीठम के सातवें प्रमुख हुसैन शाह द्वारा लिखित कालजयी ग्रंथ “शाह तत्व” पढ़नी चाहिए। उन्होंने  पीठम के सदस्यों से पर्यावरण संरक्षण के तहत तीन-तीन पौधे लगाने का आह्वान किया ।

बाद में, पीठाधिपति ने उमर अलीशा ग्रामीण विकास ट्रस्ट और रोटरी ब्लड बैंक द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया।  ट्रस्ट ने कई जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीनें वितरित कीं और सभा में पक्षियों के चारे के लिए अनाज का वितरण किया।  अली शाह ने मुख्य अतिथियों की उपस्थिति में पीठम द्वारा प्रकाशित कई पुस्तकों का अनावरण किया बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल जेएनटीयूके, कुलपति डॉ. मुरलीकृष्ण, रजिस्ट्रार डॉ. रवीन्द्रनाथ, शतावधानी अमुदाला मुरली,  किरण कांति अस्पताल के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. चन्द्रशेखर रावुलु ने सदस्यों से कहा कि इंसानों को अपने मतभेदों को भुलाकर इंसानों के प्रति समभाव रखना चाहिए।  चेयरमैन ने आध्यात्मिक दर्शन और सामाजिक सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करके अलीशा की सेवाओं की प्रशंसा की।

इसके बाद, पीठासीन अधिकारी ने प्रसिद्ध कवि, लेखक और विश्लेषक जोन्नाविटुला श्रीरामचंद्रमूर्ति को सम्मानित किया, जिन्होंने विज्ञान ज्योति ग्रंथ का कन्नड़ भाषा में अनुवाद किया था।

डॉ. धूलिपाला महादेवमणि और ल. अशोक को हुसैन शाह मेमोरियल पुरस्कार डॉ. धुलिपाला महादेव मणि और प्रख्यात पत्रकार ल. अशोक को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया।  पुरस्कार के साथ उन्हें 25-25 हजार एक सौ सोलह रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि भी दी गई।  इस अवसर पर पीठाधिपति ने उमर अलीशा साहित्य समिति के माध्यम से भीमवरम में 34 वर्षों से विशेष कार्यक्रम आयोजित कर साहित्य की सेवा कर रहे समिति के सदस्यों को सम्मानित किया।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता डॉ. धूलिपाला महादेव मणि और ल. अशोक ने कहा कि यह पुरस्कार पाकर वे अपने को सौभाग्यशाली समझते हैं।

कार्यक्रम में पीठम संयोजक पेरुरी सुरीबाबू, पीठम के मीडिया संयोजक अकुला रवि तेजा, पीठम केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. पिंगली आनंदकुमार, एन.  टी.  वी.  प्रसाद वर्मा, एवीवी सत्यनारायण, स्वर्णलता, सूर्यलता, उमर अली शाह तथा रोटरी ब्लड बैंक के चिकित्सा अधिकारी डॉ. कामराजू, साहित्य समिति के सचिव दयाना सुरेश चंद्रजी, उपाध्यक्ष टी. मुरली कृष्ण, कोषाध्यक्ष वद्दादी वेंकटेश्वर शर्मा और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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