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अटल बिहारी वाजपेई की हिंदी दिवस कविता…
अटल बिहार की कविता और हिंदी, एक अटूट रिश्ता है। अटल जी को एक कुशल वक्ता के साथ कवि के रूप में भी जाना जाता है और उनकी कई हिंदी कविताएं आज भी लोगों को याद हैं। हिंदी दिवस यानी 14 सितंबर को हमें उस जबरदस्त भाषण और यादगार कविता के बारे में जरूर जानना चाहिए, जब हिंदी भाषा में गूंजी अटल जी की आवाज संयुक्त राष्ट्र महासभा के जरिए पूरी दुनिया में सुनाई दी थी। यहां पढ़ें अटल बिहार वाजपेयी की प्रसिद्ध कविता- दुनिया में हिंदी में गूंजी।
अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री के रूप में संयुक्त राष्ट्र में भाषण देने गए थे और उन्होंने अपने भाषण में भारत की ताकत और रंगभेद से सभी देशों के बीच सद्भाव के साथ ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का भी जिक्र किया था।
गूंजी हिंदी विश्व में,
स्वप्न हुआ साकार,
राष्ट्र संघ के मंच से,
हिंदी का जयकार,
हिंदी का जयकार,
हिंदी हिंदी में बोलो,
देश स्वभाषा प्रेम,
विश्वअरजर में डोला,
कह कैदी कविराय,
मेम की माया टूटी,
भारत माता धन्य,
स्नेहा की सरिता फूटी,