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हिना मांडिया को 14 सितंबर ‘हिंदी दिवस’ पर नेपाल मे आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता मे ‘हिंदी काव्य रत्न’ सम्मान प्राप्त हुआ । हिना मांडिया जी हरियाणा के रोहतक शहर की निवासी है। इन्होंने स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक, हरियाणा से की है । साथ में हिंदी विषय से नेट, जे आर एफ भी क्वालिफ़ाई किया है। वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय में पीएचडी हिंदी की शोधार्थी है। इनके पिताजी ईश्वर सिंह,माताजी श्री मती राजबाला तथा भाई हरित इनके प्ररेणा स्त्रोत है। इनके अध्यापक विशाल कुमार जी का इनके लेखन में विशेष योगदान रहा है। हिना मांडिया जी कविताएँ ,कहानियाँ तथा लघुकथाएं लिखती है इनकी रचनाएँ पत्र पत्रिकाओं तथा साझा काव्य संग्रहो में भी प्रकाशित हो चुकी हैं। इनका मानना है कि प्रत्येक इंसान का समाज को देखने का नजरिया अलग अलग होता है इनका नजरिया इनकी रचनाओं में दिखाई देता है।