_जब हम इस जीवन से गुजरते हैं तो हमें क्या तलाशना चाहिए और क्या आकांक्षा करनी चाहिए? भगवान प्रेमपूर्वक हमें याद दिलाते हैं कि अभी इसके लिए प्रयास करना क्यों महत्वपूर्ण है।_
मानव इतिहास में अनेक बार अवतारों ने आकर मनुष्य को जगाया है। लेकिन, पशु अतीत और राक्षसी भ्रम उसे कीचड़ में घसीटते हैं, जहाँ वह मूर्खतापूर्ण रूप से कामुक, भौतिक और क्षणिक तुच्छताओं में आनंदित होता है। यह आपके मानव अस्तित्व को पूरा करने का एक शानदार मौका है।
आनंद (आनंद) जिसे आप धन और सांसारिक प्रसिद्धि से रिश्तेदारों और रिश्तेदारों से प्राप्त करने की आशा करते हैं, आनंद की एक हल्की छाया है जो आपके दिल के वसंत में रहता है, जहां भगवान रहते हैं। उस वसंत से संपर्क करने का प्रयास करें; बहुत स्रोत तक जाओ; आत्मा या भीतर भगवान में केंद्रित हो।
कुछ वास्तविक आनंद की तलाश करते हैं; कई इंद्रियों, बुद्धि और मन के छद्म आनंद से दूर हो जाते हैं। वास्तविक आनंद सत्य से ही उत्पन्न होता है। और सत्य प्रत्येक का स्वयं के प्रति धर्म या कर्तव्य है। सत्य की तलाश करो, सत्य की सेवा करो, सत्य बनो। सत्य स्वयं प्रकट होगा जब हृदय प्रेम में सराबोर होगा।
भगवान श्री सत्य साईं बाबा द्वारा दिव्य प्रवचन i
