“अज्ञात मंजिल
. पिछले शासकों की
. शासन”
यदि शासन
शासकों
लापरवाही जिद्दी है
रवैया, शाखाएँ
प्रबंधन में
असमन्वय
प्रोजेक्ट न जीतें
मनुष्य धीमे, सार्वजनिक हैं
जिसका अर्थ है अदूरदर्शिता,
वेराशी की भविष्यवाणियाँ
डामर परिवर्तन.
बीच में मंत्री जी
श्रेणी नए जोड़े गए,
उत्सर्जन,
निर्वाचन क्षेत्र
परिवर्तन,
डरावना
मौसम,
बदमाशी, पुलिस
सिस्टम विफलता,
संपत्ति पर
कर वृद्धि,
पंजीकरण बोझ,
अराजकता,
रेत उपलब्ध है
अनुपस्थिति
खनन अनियमितताएँ,
शराब प्रक्रिया,
ऊँची कीमतें,
लोगों में अशांति,
अशांति, अनियमितताएं,
व्यवसाय,
बलात्कार,
चोटें,
अत्याचार,
भ्रष्टाचार, सड़कें
ज़्यादा बुरा,
विकास शून्य,
बेरोजगारी,
बिना पूंजी के
राज्य,
अमरावती
विकसित करने के लिए
नहीं दिखा
पोलावरन
रखा गया,
संसद
दोनों सदनों में
एपी विकास
कोई जिक्र नहीं
दूर जा रहा है,
विशाखा में ऋषि
पहाड़ी को काटो
हो गया,
विशाखा तक रेलवे
जोन नहीं हिला
भोगापुरम
एयरपोर्ट
नहीं उड़ा
विशाखा मेट्रो
कोई शब्द नही
फ्लाईओवर के लिए
कार्य नहीं किया
अन्ना कैंटीन
ढक्कन, ढक्कन
उपलब्धि,
सांसद रघुराम
कृष्ण राजा हैं
बेपरवाह
गिरफ़्तारी, तीसरी डिग्री
प्रयोग,
सीबीएन 53
अनियमित दिन
गिरफ़्तारी, हिरासत
आदि क्रियाएं
जनता की वजह से
थका हुआ और थका हुआ
गठबंधन को वोट दें
जोड़ें और सांस लें
श्वास
अराजकता पर शासन करना
सेवानिवृत्त।
अंततः तिरुमाला
वेंकटेश्वर
मत छोड़ो, पवित्र
प्रसाद अशुद्ध है
भाग लेते श्रद्धालु
भावनाओं
जला
इसीलिए आज
गठबंधन सौ
दिनों के नियम के लिए
सारी जनता
जय पीट रहा है.
डॉ। नंदूरी रामकृष्ण
30.09.2024