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रणजीत सिंह की रिपोर्ट…बि
लासुपुर( छ.ग.) : : थाना क्षेत्र में लूट व मारपीट करने वाले 04 आरोपियों पर चकरभाटा पुलिस का प्रहार।
आरोपियों से प्रार्थी के लुटे गए 5000 रुपए एवं एक मोबाइल को किया गया बरामद।
घटना का विवरण – इस प्रकार है कि प्रार्थी मंतराम निषाद पिता चैतू निषाद उम्र 30 वर्ष साकिन दुर्गा मंदिर के पास ग्राम कड़ार थाना चकरभाठा जिला बिलासपुर द्वारा दिनांक 11.11.2024 को अपने भाई फणीश्वर निषाद के साथ थाना उपस्थित आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 10.11.2024 को अपने मोटर सायकल यामहा एफ. जेड से बहन के घर गुड़ाघाट दगौरी गये हुए थे जहां से वापस आते समय सेवार तालाब के पास रात्रि करीबन 10.30 बजे सेवार निवासी कमोद यादव एक्टिवा से प्रार्थी के मोटर सायकल का पीछा करते आया अचानक प्रार्थी के मोटर सायकल बंद होने पर कमोद यादव अपना एक्टिवा रोक दिया प्रार्थी के छोटा भाई फणीश्वर निषाद द्वारा हमारा पीछा क्यो कर रहे हो कहने पर कमोद यादव दोनो से विवाद करते हुए उनके मोटर सायकल से चाबी निकाल लिया और अपने मोबाईल से फोन कर अपने साथियों को बुला कर प्रार्थी एवं उसके भाई को मां बहन की अश्लील गाली गलौच कर कमोद यादव , हिमेश वर्मा आयुश दीक्षित व सुरेंद्र रजक उर्फ बड़ू द्वारा हाथ मुक्का व बेल्ट से प्रार्थी एवं उनके भाई फणीश्वर निषाद से मारपीट किये।आरोपी कमोद यादव फणीश्वर निषाद के पाकिट में रखे 5000 रूपये एवं उसके मोबाईल को छिनकर अपने पास रख लिया।उक्त मोबाइल को वह सुरेंद्र रजक उर्फ बड़ू को दे दिया। मारपीट दौरान कमोद यादव प्रार्थी के यामहा एफ. जेड को पत्थर से तोड़ा जिससे मोटर सायकल क्षतिग्रस्त हो गया। घटना के बाद प्रार्थी एवं उसके भाई फणीश्वर निषाद आरोपी कमोद यादव के घर जाकर अपने छिने मोबाईल एवं 5000 रूपये को मांग किये तब कमोद यादव मोबाईल देने से इंकार करते हुए प्रार्थी के मोबाईल छिनकर पटककर तोड़ दिया ।प्रार्थी के रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर तत्काल वरिष्ठ अधिकारियो पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह, Asp अनुज गुप्ता, csp चकरभाठा से मार्गदर्शन प्राप्त कर आरोपियों को शीघ्र ही हिरासत में लेकर सभी आरोपियों लूटी गई रकम व एक मोबाइल को बरामद किया जाकर आरोपियो को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेजा गया है। उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी रविंद्र अनंत, सहायक उप निरीक्षक राधेलाल ध्रुव, जीवन जायसवाल,प्रधान आरक्षक अमर चंद्रा,आरक्षक प्रेम उपाध्याय,योगेंद्र खूंटे का योगदान सराहनीय रहा।