नाटक “एक दिन की छुट्टी” ने दिया झूठ न बोलने का संदेश
– वाल्मीकि रंगशाला में शुरू हुआ 28 दिसम्बर तक चलने वाला तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय “प्रथम रंगकर्म महोत्सव”
लखनऊ 26 दिसम्बर: : संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली और “थिएटर एंड फिल्म वेलफेयर एसोसिएशन” के संयुक्त तत्वावधान में “प्रांजल आर्ट्स एंड डेवलपमेंट सोसाइटी” की ओर से तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय “प्रथम रंगकर्म महोत्सव” का आयोजन 26 से 28 दिसम्बर तक उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के वाल्मीकि रंगशाला में किया जा रहा है। संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के विशेष सहयोग से आयोजित इस महोत्सव की पहली संध्या पर “लोटस थिएटर फाउण्डेशन” की ओर से नाटक “एक दिन की छुट्टी” का मंचन उमेश गुप्ता के कुशल निर्देशन में किया गया।
राजेंद्र शर्मा द्वारा लिखित हास्य नाटक “एक दिन की छुट्टी” लोगों को झूठ न बोलने का संदेश देता है। कथासार के अनुसार नाटक का केन्द्रीय पात्र “विजय” अपने कार्यालय से झूठ बोलकर एक दिन का अवकाश ले लेता है। कहानी में तब हास्य जन्य स्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं जब विजय का बॉस, विजय के घर आ जाता है। नाट्यांत में झूठ पकड़ा जाता है। इसमें विजय का केन्द्रीय किरदार राहुल मिश्र, विजय की पत्नी का तबस्सुम खान, विजय के दोस्त का शुभम भोले, विजय के बॉस का उमेश गुप्ता और नौकर का अल्तमश आज़मी ने किरदार निभाया। नाट्य प्रस्तुति को सशक्त बनाने में मंच सज्जा ने अहम् भूमिका अदा की। शैलेश श्रीवास्तव “मोनू” की मंच सज्जा में सचिन गुप्ता मंच सज्जा सहायक रहे जबकि मंच व्यवस्था प्रांजल शर्मा और रूपाली गुप्ता ने संभाली। पीयूष पाण्डेय की वेशभूषा सज्जा, अशोक कुमार की प्रकाश परिकल्पना और सुजीत सरकार की मुख सज्जा ने नाटक के आकर्षण को बढ़ाया। प्रस्तुति व्यवस्था अनुज शुक्ल और अरुण सिंह ने संभाली। इसके निर्माता ए.एम. अभिषेक और प्रांजल शर्मा रहे जबकि आयोजक दबीर सिद्दीकी एवं संयोजक आकर्ष शर्मा थे। इस क्रम में 27 दिसम्बर को “नव अंशिका फाउण्डेशन” की ओर से पद्मश्री के.पी. सक्सेना रचित हास्य नाटक “बाप रे बाप” का मंचन नीशू त्यागी के निर्देशन में शाम 6:30 बजे वाल्मीकि रंगशाला में किया जाएगा।