मनमोहन जी को
_शाब्दिक श्रद्धांजलि
(के वी शर्मा 7075408286)
विशाखापत्तनम
*_एक युग का अंत हो गया.._*
नीति छोटी हो गई है..
उसकी छवि
विलुप्त..
ईमानदारी से सोचा..
राजनीति में भी ऐसा ही
यार फिर
क्या आप देख सकते हैं?
अवनि परेशान है..
भारत ध्रुव तारा है
अचानक इस तरह
ये फिर चला गया..!
*_मनमोहन सिंह नहीं रहे.._*
रात को सोने से पहले
गड़गड़ाहट जैसी खबर..
वो फुल फॉर्म..
चेहरे पर तिल
दृश्य ज्ञान
सक्रिय आँखें..
चलने में संयम..
चलने में ईमानदारी..
एक बार आँखों के सामने
1991..96 के बीच की रीलें
चारों तरफ धीरे..
भारतीय अर्थव्यवस्था
खांचे में कैसे गिरें
नए रन सीखे
वे दृश्य शानदार हैं
बुर्रा में दिमाग..
*_एक आदमी.._*
वह आदमी राजनीति में
सज्जन ले आये..
उस जोड़ी ने जो चमत्कार किया..
स्थिति बदल गई है
असंथम..
सरदारजी..
हर भारतीय
तुम्हें नाप रहा हूँ
जीवन भर वहीं रहेंगे..
महान् कीर्ति सदैव आपकी हो..!
*_मनमोहन सिंह.._*
उन्होंने जीवन में कितना कुछ जमा किया है
पता नहीं लेकिन..
उनका पूरा जीवन एक गणना है..
गणना
दो पैर चार..
दो कोने छह हैं..
हिसाब नहीं..
अगर यह वहां फिट बैठता है
वह हैं मनमोहन सिंह
यह क्यों..
ये सिंह हैं
वित्त मंत्रालय में
देश के लिए बहुत कुछ
क्यों
झूलेंगे..!
अर्थशास्त्र में अध्ययन..
एक ही हथियार से नापें..
कूड़ा-करकट से भरा हुआ
हिसाब-किताब का वजन..
भारत का उत्थान होना तय नहीं है
*_माना सिंघु..ईमानदार राजा!_*
राजनीति वह है
पेशा नहीं.. प्रवृत्ति नहीं..
दरअसल यह उसके लिए कड़वा है..
यदि ऐसा नहीं है
क्या तुम घर बसाओगे?
अपरा चाणक्य पी.वी.
एरी कोरी अपने पूल में
यदि वित्त विभाग को सौंप दिया जाए..
सुधारों का जादू..
मनमोहनु का मोह..
उस दिन हमारी प्रगति देखकर
हैरान अर्थशास्त्र!
थिम्मिनी बम्मिनी ने नहीं किया
यह बहुत अच्छा है
तोड़ता था..सिंगू..
धन सृजन
रोजगार की बाढ़..
हमारी वित्तीय प्रणाली का तकिया..
नरसिम्हा को पसंद है..
मनमोहन के लिए दिष्टि..!
(वित्त मंत्री के रूप में चमत्कार
प्रधान मंत्री के रूप में भी
उनका किरदार..यात्रा
मैं यहां उल्लेख नहीं करना चाहता..)
कोई बात नहीं क्या
उच्च मूल्य
*_सरदार जी.._*
भारतीय राजनीति में
*_आदरणीय सर जी..!_