भगवान शिव को प्रिय रुद्राक्ष का हिंदू धर्म में बहुत महत्व माना जाता है। रुद्राक्ष की खासियत यह है कि इसका न सिर्फ धार्मिक महत्व है बल्कि यह अनजाने में ही सेहत को कई आश्चर्यजनक लाभ भी पहुंचाता है। फ्लोरिडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के अनुसार, रुद्राक्ष मस्तिष्क के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद विद्युत चुम्बकीय शक्ति शरीर पर जादुई तरीके से काम कर सकती है और रक्तचाप, चिंता, अवसाद जैसी कई समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकती है।
रुद्राक्ष पहनने से मिलते हैं ये 5 स्वास्थ्य लाभ
रक्तचाप
रुद्राक्ष के बीजों को रातभर पानी से भरे बर्तन में रखकर सुबह खाली पेट इसका पानी पीने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और हृदय की धड़कन भी सामान्य रहती है।
मानसिक समस्याएं उपचार योग्य हैं।
शोध के अनुसार, विभिन्न मुखी रुद्राक्षों में विद्युत चुम्बकीय गुण होते हैं। जिसका मस्तिष्क पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। आयुर्वेद के अनुसार, रुद्राक्ष की मदद से कई मानसिक बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। धागे में पिरोया हुआ रुद्राक्ष पहनने से न केवल सिरदर्द और माइग्रेन से राहत मिलती है, बल्कि एकाग्रता, मानसिक सहनशक्ति और याददाश्त में भी सुधार होता है।
तनाव से मुक्ति
रुद्राक्ष की माला पहनने से तनाव और अवसाद की समस्याओं से राहत मिलती है। इसमें मौजूद प्राकृतिक विद्युत चुंबकीय गुण शरीर के तंत्रिका तंत्र को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रुद्राक्ष तनाव के लिए जिम्मेदार कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
बेहतर रक्त प्रवाह
रुद्राक्ष की माला अपने गतिशील ध्रुवीय गुणों के कारण चुंबक की तरह कार्य करती है। चुंबकीय प्रभाव के कारण रुद्राक्ष शरीर की धमनियों और नसों में रुकावट की समस्या को दूर करने में मदद करता है। इसे पहनने से रक्त प्रवाह बेहतर होता है। इतना ही नहीं, रुद्राक्ष की माला पहनने से शरीर में होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है।
सूजनरोधी गुण
रुद्राक्ष की माला में सूजन रोधी और जीवाणुरोधी गुण होते हैं। रुद्राक्ष की माला पहनने या भीगे हुए रुद्राक्ष से बना पानी पीने से शरीर में सूजन और जलन को कम करने में मदद मिल सकती है। भीगे हुए रुद्राक्ष का पानी पीने से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है।
(यह सामग्री के.वी. शर्मा विशाखापत्तनम द्वारा एकत्रित की गई है)