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विशाखापत्तनम, 16 मार्च: : अमर पोट्टी श्रीरामुलु, जिन्होंने आंध्र राज्य के गठन के लिए अपना बलिदान दिया,
जीवीएमसी व्यय पर्यवेक्षक सी. ने कहा कि श्री पोट्टी श्रीरामुलु एक अमर महापुरुष एवं स्वतंत्रता सेनानी थे। वासुदेव रेड्डी ने कहा। रविवार को उन्होंने जीवीएमसी प्रभारी आयुक्त एमएन हरेन्दिरा प्रसाद के निर्देशानुसार जीवीएमसी कर्मचारियों के साथ जीवीएमसी मुख्यालय में श्री पोट्टी श्रीरामुलु जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया।
जयंती समारोह में बोलते हुए जीवीएमसी व्यय पर्यवेक्षक वासुदेव रेड्डी ने कहा कि अमर भारतीय स्वतंत्रता सेनानी श्री पोट्टी श्रीरामुलु की जयंती, जिन्होंने आंध्र राज्य के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, आज पूरे राज्य में राजकीय उत्सव के रूप में मनाई जा रही है। 16 मार्च 1901 को जन्मे श्री पोट्टी श्रीरामुलु आंध्रवासियों के लिए एक वरदान हैं। उन्होंने कहा कि वे महान बलिदानी पुरुष थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन सत्य, अहिंसा और हरिजनों के उत्थान के आदर्शों के लिए काम किया, जैसा कि महात्मा गांधी ने उपदेश दिया था, जो भाषाई राज्यों के गठन में सहायक थे। वह सामाजिक न्याय और दलितों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध थे, और उन्होंने अपने अधिकारों और धार्मिक स्थलों तक पहुँच के लिए उनके बलिदानों को याद किया। श्री पोट्टी श्रीरामुलु की सेवा और बलिदान, जिन्होंने महात्मा गांधी के प्रभाव में नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे प्रमुख स्वतंत्रता आंदोलनों में भाग लिया, कई बार जेल गए और अपने बलिदान से हमें आंध्र प्रदेश जैसा उपजाऊ राज्य दिया, लोगों के दिलों में हमेशा रहेगा, लागत पर्यवेक्षकों ने कहा।
इस कार्यक्रम में जीवीएमसी कार्यालय प्रभारी आनंद, अधीक्षक श्रीनिवास राव, जीवीएमसी कर्मचारी व अन्य लोग शामिल हुए।