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*भारतीय कला संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन एवं सांस्कृतिक विकास कार्य किए जाने हेतु दिनांक 02 जुलाई सन् 2000 को स्थापित श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती के संस्थापक व अध्यक्ष संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी द्वारा संस्था स्थापना के रजत जयंती वर्ष के पावन अवसर पर सम्पादित “सुर लय ताल” नामक पुस्तक में शामिल किए जाने हेतु स्वयं श्री चन्द्रा जी द्वारा “जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी” के जीवन परिचय को संकलित कर उनकी एक संक्षिप्त जीवनी यशगीत की रचना की गई है, वह इस प्रकार है…*
*जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी की*
(संक्षिप्त जीवनी यशगीत)
जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी, ज्ञान अलौकिक अपरंपार।
विश्वगुरु तुलसीपीठ स्वामी, महिमा जाने जग संसार।।
जन्म तिथि है चौदह जनवरी, सन् उन्नीस सौ पचास सार।
पिताश्री पं. रामदेव मिश्र, सरयू पारीण ब्राह्मण परिवार।।
माता श्रीमति सची देवी जी, बाल रूप के पालनहार।
जन्म भूमि सांडीखुर्द है, जिला- जौनपुर सिरजन हार।।
भारत के उत्तर प्रदेश में, पावन माटी महिमा सार।
माघ कृष्ण पक्ष एकादशी को, मकर संक्रांति महिमा सार।।
विक्रम संवत दो हजार छै, रात्रि समय 10:34 सार।
पं. सूर्यबली दादा जी, नाम रखे गिरधर सुविचार।।
चौबीस मार्च 1950 को, अल्पायु में ही नेत्र निसार।
सीतापुर लखनऊ और मुम्बई, जहां कराये विविध उपचार।।
आयुर्वेदिक होम्योपैथिक, एलोपैथिक निराधार।
प्रज्ञाचक्षु तभी से गिरधर, पढ़ना लिखना बिना आधार।।
ब्रेललिपि भी पढ़े ना पाये, केवल सुनकर सीखे ज्ञान।
लिखनेवाले दूसरे कोई, तो भी अद्भुत ज्ञान महान।।
पंडित ईश्वरदास गुरुजी, शिक्षक रूप मिले वरदान।
भारतीय आध्यात्मिक नेता, शिक्षाविद संस्कृत विद्वान।
लेखन श्रीभार्गवराघवीयम्, रामचरितमानस व्याख्यान।
अष्टाध्यायी संस्कृत भाष्यम, प्रस्थानत्रयी शास्त्री विद्वान।।
बहुभाषाविद कवि लेखनी, संगीतकार गायक सम्मान।
धर्मचक्रवर्ती महामहोपाध्याय मिले उपाधि सम्मान।।
श्रीचित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी हैं महाराज।
जगद्गुरु रामानंदाचार्य जी, शत्-शत् वंदन हे महाराज।।
श्रीरामजन्मभूमि की गाथा, विजयी महिमा कीर्तिमहान।
‘श्याम चन्द्रा’ श्रेयान अनुपम, कृपा करें प्रभु कृपा निधान।।
*रचनाकार -*
संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा
रेलवे काॅलोनी सक्ती, छत्तीसगढ़
संपर्क मो.नं. – 79994 51129.