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*भारत गणतंत्र के 15 पंद्रहवीं राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी आज दिनांक 20 जून 2025 को आपके 68 वें जन्म दिवस पर आपको शत्-शत् नमन वंदन के साथ हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं साथ ही आपके जीवन परिचय पर एक जीवनी यशगीत सादर समर्पित है।
*”महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी”*
(संक्षिप्त जीवनी यशगीत)
हे भारत माता जी जय हो, महिमा तेरी अपरंपार।
तेरे आंचल हीरे मोती, कला संस्कृति सुर के धार।।
विश्व गुरु बनने की क्षमता, विविध विधा है अपरंपार।
तेरी कृपा से प्रतिभा न्यारी, सबको बिनती बारंबार।।
भारत के पंद्रहवीं राष्ट्रपति, श्रीमति द्रौपदी मुर्मू सरकार।
जीवनी परिचय करूं समर्पित, अद्भुत है जीवन संचार।।
महामहिम हे राष्ट्रपति जी, आपकी महिमा अपरम्पार।
आज आप का जन्म दिवस है, शत्-शत् वंदन बारम्बार।।
ओड़िशा के जिला मयूरभंज, बैदापोसी में अवतार।
बीस छै ओंनिस सौ अंठावन, जनमीं संताली परिवार।।
पिता श्री बिरंची नारायण जी,
रहे आपके पालनहार।
गांव समाज के श्री मुखिया जी, पारम्परिक कुशल व्यवहार।।
अपने गांव से शुरू पढ़ाई, बचपन से प्रतिभा संचार।
रमादेवी महिला कालेज, भुवनेश्वर स्नातक पार।।
सन् ओंनिस सौ इक्यासी में, वैवाहिक शादी संस्कार।
पति श्री श्याम चरण मुर्मू जी, बैंकिंग अधिकारी पतवार।।
दो सुपुत्र और एक सुपुत्री, तीन बच्चे मध्यम परिवार।
पढ़ने-लिखने तीनों माहिर, प्रतिभामय सुन्दर संस्कार।
स्कूल में आप रहीं शिक्षिका, शिक्षा गुण सेवा विस्तार।
रायरंगपुर में रहे प्रोफेसर, सिंचाई व बिजली करतार।।
राजनीति में किया पदार्पण, हार्दिक इच्छा शुरू विचार।
सन् ओंनिस सौ संतानबे में, भाजपा में शामिल दमदार।।
नगर पंचायत रायरंगपुर, बने पार्षद पहली बार।
बाद में फिर अध्यक्ष बनकर, नगर पंचायत का विस्तार।
भाजपा अनुसूचित जनजाति, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पदभार।
दो चुनाव में बने विधायक, कई राज्य मंत्री सरकार।।
ओड़िशा के विधानसभा में, सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार।
राजनैतिक निजी जीवन में, मिली सफलता अनेक बार।।
घर परिवारिक विपदा भारी, धीरज धरम धरे संभार।
दोनों नौ जवान बेटा का, निधन होना दु:ख अपरंपार।।
लक्ष्मण और सिपिन मुर्मू थे, दोनों पुत्र बड़े होनहार।
अंतर मन में बड़ी निराशा, धरे धैर्य जीवन संचार।।
एक अगस्त सन् चौदह को, पतिजी का जीवन निर्वान।
स्वर्गीय श्री श्याम चरण का, क्रियाकर्म किए विधि विधान।।
एक ही बेटी इतिश्री मुर्मू, बैंकिंग सेवा ही आधार।
जामाता श्री गणेश हेम्ब्रम, रम्बी खिलाड़ी जग परचार।।
स्वाध्याय है रूचि आपकी, अध्यात्मिक हैं आस्थावान।
राजनीति अनुभूति आपकी, जनजातीय समाज उत्थान।।
सामाजिकता में संकल्पित, जनहित सेवा बने उदार।
राजनीति सांस्कृतिक व शैक्षिक, कई संगठन में पद भार।।
मई अट्ठारह सन् पंद्रह में, जागा भाग्य जीवन विस्तार।
झारखंड के नियुक्त राज्यपाल, जनजातीय महिला उद्धार।।
संवैधानिक उज्जवल गरिमा, व्यापक रूप बने पहिचान।
विश्व विद्यालयीन परीक्षा, भर्ती प्रक्रिया नेक अभियान।।
सर्वोच्च पद आसीन होने, संवैधानिक उम्मीदवार।
पच्चीस जुलाई सन् बाईस में, माननीय राष्ट्रपति पदभार।।
जनजातीय से पहली महिला, राष्ट्रपति पद भए स्वीकार।
महिला राष्ट्रपति में द्वितीया, हैं प्रबुद्ध सम्राट अलंकार।।
महामहिम हे राष्ट्रपति जी, अभिनंदन है बारम्बार।
‘श्याम चन्द्र’ से जीवनी यशगीत, की जै आप सहज स्वीकार।।
रचनाकार —
संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा
रेलवे काॅलोनी सक्ती, छत्तीसगढ़
मोबाइल नंबर – 79994 51129.