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लखनऊ 10 जुलाई : : बव्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में मानवीय मूल्यों, नैतिकता और सॉफ्ट स्किल्स जैसे आवश्यक गुणों के महत्व पर चर्चा करने और विद्यार्थियों को उन गुणों से परिचित कराने के लिए एमिटी स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज, एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर ने ‘‘वैल्यू एडीशन: लाइफ स्किल्स, एथिक्स एण्ड ह्यूमन वैल्यूज’’ विषय पर 30 घंटे की एक कार्यशाला का आज उद्घाटन किया गया।
उद्घाटन कार्यक्रम की शुरुआत एमिटी स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज के छात्रों द्वारा मनमोहक शास्त्रीय गीत और नृत्य प्रदर्शन के साथ हुई।
मुख्य अतिथि डॉ. आनंद प्रकाश माहेश्वरी (आईपीएस), डिप्टी प्रो वीसी एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ कैंपस विंग कमांडर डॉ. अनिल कुमार तिवारी और निदेशिका एमिटी स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज प्रोफेसर कुमकुम रे ने दीप जलाकर कार्यशाला का उद्घाटन किया।
प्रोफेसर कुमकुम रे ने प्रतिभागियों और अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज यह देखकर दुख होता है कि हमें अपनी युवा पीढ़ी को मानवीय मूल्यों और नैतिकता की शिक्षा देनी पड़ रही है, उन्होंने कहा कि जीवन में समाज के जरूरतमंदो को यथासंभव सहायता देना ही खुशी का मूलमंत्र है। उन्होने कहा कि कार्यशाला के दौरान हम इन्ही जीवन कौशलों पर चर्चा करेंगे।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डिप्टी प्रो वीसी विंग कमांडर डॉ अनिल कुमार तिवारी ने कहा कि इस विषय पर बात करना इसलिए जरूरी है क्योंकि आज मानवता अलग राह पर जा रही है। आज हम दो अलग-अलग दुनियाओं में रह रहे हैं, आभासी और वास्तविक और यह एक सच्चाई है। इन दोनों दुनियाओं के बीच रहने के कारण कई ऐसे मुद्दे उठते हैं जिनका समाधान किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि चूंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने वाले एक दशक में अपने विकास के चरम पर होगा और हम सुपर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सामना कर रहे होंगे जो इंसानों से कहीं ज्यादा सक्षम होगा। उस समय यही मानवीय मूल्य और नैतिकता हमें इन मशीनों से अलग करेगें और मानव सभ्यता की ड्राइविंग सीट पर बिठाए रखेंगे।
मुख्य अतिथि डॉ. आनंद प्रकाश माहेश्वरी ने पूर्वजों से प्राप्त ज्ञान का उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आप परिणाम को नियंत्रित नहीं कर सकते, लेकिन आप काम करने की दिशा, काम का इरादा और प्रदर्शन सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कभी भी शॉर्ट कट पर विश्वास न करें, हमेशा याद रखें कि 20 सेकंड के उत्कृष्ट प्रदर्शन के पीछे 12 सालों की कठिन तैयारी होती है। उन्होंने कहा कि हर किसी में प्रदर्शन करने की अपार क्षमता होती है, बस प्रदर्शन के लिए जुनून की जरूरत होती है। उन्होंने व्यावसायिकता का पाठ भी पढ़ाया कि व्यक्ति को सभी के साथ समान रूप से सेवा प्रदान करनी चाहिए और सेवा का स्तर सभी के लिए समान रहना चाहिए, चाहे वे समाज में किसी भी स्तर से आने वाला हों।
पांच दिवसीय इस कार्यशाला में 100 से अधिक छात्र भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर संस्थान के सभी छात्र एवं संकाय सदस्य उपस्थित रहे। कार्यशाला का समापन 14 जुलाई को होगा।