** जेडीन्यूज़ विज़न **
लखनऊ : : किसानों ने धान की नर्सरी लक्ष्य से ज्यादा लगा दी, लेकिन बारिश ने किसानों को परेशान कर दिया। लक्ष्य से 86 प्रतिशत तक धान की रोपाई भी हो गयी है, लेकिन अब यदि बारिश की स्थिति यही बनी रही तो आने वाले समय में परेशानी बढ़ जाएगी। पूर्वी उप्र में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। वहीं प्रदेश में एनसीआर क्षेत्र ही ऐसा है, जहां सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है।
यदि अब तक प्रदेश में खरीफ की फसलों के लक्ष्य और प्राप्ति पर नजर दौड़ाएं तो कृषि अनुसंधान परिषद से मिले डाटा के अनुसार प्रदेश में धान का लक्ष्य 5850 हजार हेक्टयर का था। वहीं 5034.95 हजार हेक्टेयर रोपाई हो चुकी है अर्थात लक्ष्य का 86.07 प्रतिशत रोपाई हो गयी है। वहीं मक्का का लक्ष्य 799.99 हजार हेक्टेयर बोआई का लक्ष्य था, जिसमें 658.20 हजार हेक्टेयर बोआई हो गयी है। ज्वार 218.01 हजार हेक्टेयर बोआई का लक्ष्य था, जिसमें 172.05 हजार हेक्टेयर बोआई हो गयी है। बाजरा 1010 हजार हेक्टेयर बोआई का लक्ष्य था, जिसमें 625.16 हजार हेक्टेयर बोआई हुई है। इसी तरह उर्द के बोआई का लक्ष्य 725 हजार हेक्टयेर था, जिसमें 502 हजार हेक्टेयर बोआई हो चुकी है। वहीं धान की नर्सरी का लक्ष्य 383.33 हजार हेक्टेयर का था, जबकि लक्ष्य से अधिक 391.04 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में नर्सरी पड़ी। इस बोआई की रफ्तार से पूरा अनुमान है कि किसान अगस्त माह में शत-प्रतिशत बोआई कर लेंगे, लेकिन बारिश की स्थिति गड़बड़ होने के कारण किसानों को अभी से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी मध्य क्षेत्र में जून से जुलाई तक 344 मिमी सामान्य वर्षा होनी चाहिए लेकिन 258.1 मिमी बारिश ही हुई है। वहीं बुंदेलखंड में 336.4 मिमी सामान्य बारिश होनी चाहिए, जबकि वहां 281.5 मिमी बारिश हुई है। वहीं पूर्वी क्षेत्र में तो 50 प्रतिशत के लगभग कम बारिश हुई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में अब तक 421.9 मिमी सामान्य बारिश होनी चाहिए, जबकि 218.7 मिमी ही बारिश हुई है। सिर्फ एनसीआर क्षेत्र ही ऐसा है, जहां पर 298.9 मिमी बारिश होनी चाहिए, लेकिन वहां सामान्य से अधिक जून और जुलाई में 349.6 मिमी बारिश हो चुकी है। इस संबंध में उप्र कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक डा. विनोद तिवारी का कहना है कि अभी बारिश की पूरी संभावना है। उम्मीद है कि किसान सभी खरीफ की फसलों की बोआई कर सकेंगे।