***जेडीन्यूज़ विज़न ***
लखनऊ : : मीडिया के साथ ही हाथ में टीवी चैनल की फेक आईडी हाथ में लेकर साथ में हथियार लिये अतीक और अशरफ का भीड़ में घुस जाना भविष्य में मीडिया कर्मियों की मुसीबत बढ़ा देने के लिए काफी है।। अब आगे हर मीडिया कर्मी की चेंकिंग करने के लिए भी पुलिस कर्मी मजबूर हो जाएंगे। मीडिया में संवाद सूत्रों को अधिकांश संस्थान कोई अपनी आईडी कार्ड देते नहीं हैं। इससे कवरेज करना मुश्किल हो जाएगा।
शनिवार की रात को प्रयागराज के मेडिकल कालेज के पास मीडिया कर्मी बनकर हत्यारे सनी, लवलेश और अरूण मौर्य भीड़ में घुसे थे। उनके हाथ में टीवी चैनल का आईडी थी। इस कारण अतीक और अशरफ की सुरक्षा में लगे 17 पुलिस कर्मियों ने इन पर शक नहीं किया। वे आसानी से मीडिया कर्मियों के साथ खड़े रहे। जैसे ही अतीक और अशरफ ने बाइट देना शुरू किया हत्यारों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं और अपने हथियार रखकर सरेंडर कर दिया।
हत्या किये जाने के बाद रविवार को सुबह मुख्यमंत्री आवास की तरफ जाने से भी मीडिया कर्मियों को रोक दिया गया। अब आगे चर्चा है कि इससे मीडिया कर्मियों को भविष्य में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। पुलिस इस घटनाक्रम को अपना हथियार भी बनाएगी और मीडिया कर्मियों को हर जगह जाने से रोका जाएगा। इसके साथ ही व्यक्तिगत आईडी की भी मांग की जाएगी।