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महान लेखक एवं कवि जयशंकर प्रसाद का जन्म 1889 ई. में हुआ था। 1937 में उनकी मृत्यु हो गई। में है बहुमुखी प्रतिभा के धनी जयशंकर प्रसाद का जन्म वाराणसी के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। बचपन में ही पिता की मृत्यु के कारण पारिवारिक उत्तरदायित्व का बोझ उनके कंधों पर आ गया। केवल आठवीं कक्षा तक औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने संस्कृत, पाली, हिन्दी, उर्दू तथा अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य का व्यापक ज्ञान प्राप्त कर लिया। जयशंकर प्रसाद ‘छायावाद’ के कवि थे। वे प्रयोगधर्मी रचनाकार थे।
1926 ई 1929 ई. से जब तक जयशंकर प्रसाद जी का नजरिया नजर नहीं आता. जयशंकर प्रसाद कवि, कहानीकार, नाटककार, उपन्यासकार आदि थे। इसके आगमन के बाद ही हिन्दी कविता में खड़ी बोली का माधुर्य विकसित हुआ। वे आनंद वदा के समर्थक थे. उनके पिता बाबू देवी प्रसाद विद्यानुरागी थे, जिन्हें लोग सुंघानी साहू कहते थे। प्रसादजी की प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही शुरू हुई। बाद में उन्हें क्वींस कॉलेज में पढ़ने के लिए भेजा गया। उन्होंने बहुत कम उम्र में ही संस्कृत, हिंदी, उर्दू, फ़ारसी और अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया। कविता के साथ-साथ प्रसाद जी ने नाटक, उपन्यास और कहानी में भी अपना कौशल दिखाया।
प्रसाद जी की प्रतिभा बहुमुखी है, परंतु कवि एवं नाटककार के रूप में उनकी प्रसिद्धि साहित्य के क्षेत्र में विशेष है। ये छायावादी कवियों में अग्रणी हैं। ‘कामायनी’ उनमें से एक और काव्य ग्रंथ है, जिसकी तुलना विश्व के सर्वोत्तम काव्यों से की जा सकती है। प्रसाद के काव्य में “सत्यम् शिव सुदरम्” का ज्वलंत रूप मिलता है। उन्होंने मानवीय सौन्दर्य के साथ-साथ प्रकृति के सौन्दर्य को भी सजीव एवं मौलिक बताया। इनकी भाषा संस्कृत है।
जयशंकर प्रसाद की रचनाएँ०००
जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय: प्रसाद जी ने हिंदी साहित्य में कई विधाओं में साहित्य सृजन किया। उनकी रचनाएँ भारत के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति से प्रेरित हैं, जबकि कामायनी उनका सबसे लोकप्रिय महाकाव्य है, जो खुशी की नई अवधारणा का संदेश देता है। उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं – जर्ना, उसु, लहर, कामायनी, प्रेम पातिक (काव्य) स्कंदगुप्त चंद्रगुप्त, पुस्वामिनी जनमेजय का नागयज्ञ राज्यश्री, अजातस्त्रु, विशाख, एक गुट, कामना, करुणालय, कल्याणी परिणय, अग्निमित्र का प्रायश्चित सज्जन (नाटक) छाया, प्रतिध्वनि ., रोशनदान, तूफ़ान. इंद्रजाल (कहानी संग्रह) तथा काकाल, तितली इरावती (उपन्यास)।
जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखित कहानियाँ
जयशंकर प्रसाद जी (जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय) ने कई अनोखी कहानियों की रचना की है। यहां उनकी कुछ प्रमुख कहानियां हैं जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं पर देख सकते हैं:-
देवदासी
बिसाती
प्यार के निशान
नीरा
समर्पण
दान
बदमाश
स्वर्ग के खंडहरों में
पंचायत
जहाँआरा
मधुआ
उर्वशी
इंद्रजाल
एक गुलाम
ग्राम
भीख मांगने में
चित्रा मंदिर
ब्रह्मर्षि
पुरस्कार
रमला
छोटा जादूगर
परिवहन
विराम चिह्न
सालवती
एक अमिट स्मृति
रूस बाम
सिकंदर की शपथ
आकाशदीप
जयशंकर प्रसाद
के वी शर्मा संपादक विशाखा संदेशम तेलुगू मासिक एवं विशाखापट्टनम दर्पण हिंदी पाक्षिक पत्रिका@