***जेडीन्यूज़ विज़न ***
शुद्ध भक्ति की शक्ति क्या है? भगवान महान भक्त मीरा के जीवन से एक प्रसंग साझा करते हुए बताते हैं कि शुद्ध भक्ति ने उन्हें किस बोध तक पहुँचाया था।
प्रेम की शक्ति अद्वितीय है। यह मानवीय समझ के दायरे से बाहर है। प्यार को प्यार से ही समझा जा सकता है।
मीरा के पति राणा ने कृष्ण के लिए एक मंदिर बनवाया था। भगवान की एक महान भक्त होने के नाते, मीरा को हमेशा मंदिर में उनकी महिमा गाते हुए पाया जाता था।
नतीजतन, उसने राणा का क्रोध अर्जित किया। उसने उसे मंदिर छोड़ने का आदेश दिया। मीरा के लिए यह एक बड़ा सदमा था। उसने मन ही मन सोचा, “जब कृष्ण सर्वव्यापी हैं और केवल इस मंदिर तक ही सीमित नहीं हैं, तो राणा मुझे उनसे कैसे दूर कर सकते हैं?” वह अपना घर और चूल्हा छोड़कर मथुरा के लिए निकल पड़ी।
मथुरा कहाँ है? यह कोई भौगोलिक स्थिति नहीं है। अमृत प्रेम से सराबोर ह्रदय मथुरा है। उन्होंने गाया, चलो रे मन गंगा यमुना तीर। यहाँ गंगा और यमुना का प्रतीकात्मक अर्थ इड़ा और पिंगला (बाएँ और दाएँ नथुने) से है। भौंहों का मध्य भाग जहां इड़ा और पिंगला मिलते हैं, मथुरा को दर्शाता है। यह गीत का गूढ़ अर्थ है।
भगवान श्री सत्य साईं बाबा जी द्वारा दिव्य प्रवचन