***जेडीन्यूज़ विज़न ***
लखनऊ 27 अप्रैल : : एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल एंड एलाइड साइंसेज (एआईबीएएस), एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस ने सेंटर फॉर वीयूसीए स्टडीज, एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस के सहयोग से सर्वाइवल स्किल्स फार वीयूसीए एज विषय पर एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया। इस चर्चा का आयोजन सीएक्सओ टॉक शो श्रृंखला के अर्न्तगत किया गया। वीयूसीए अंग्रेजी के वोलाटिलिटी, अनसर्टेन्टी, काम्पलेक्सिटी और एम्बीग्यूटी का एक संक्षिप्त रूप है।
कार्यक्रम में श्री सुहैल आबिदी, सलाहकार, सेंटर फॉर वीयूसीए स्टडीज, एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा, और प्रो. एसजेडएच जैदी, निदेशक एआईबीएएस और एचओडी डिपार्टमेंट ऑफ क्लिनिकल साइकोलॉजीए एमिटी लखनऊ परिसर इस अवसर पर पैनलिस्ट के रूप में मौजूद रहेे।
विंग कमांडर डॉ. अनिल कुमार, डिप्टी प्रो वीसी, एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की औरो और प्रोफेसर मनोज जोशी, निदेशक, सेंटर फॉर वीयूसीए स्टडीज, एमिटी लखनऊ कैंपस ने कार्यक्रम का संचालन किया।
विंग कमांडर डॉ अनिल कुमार ने छात्रों के भविष्य के लिए सीएक्सओ टॉक सीरीज के महत्व के बारे में बताया। उन्होने कहा कि सीएक्सओ टॉक सीरीज मुख्य रूप से छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है। और कार्यक्रम में छात्रों की सक्रिय भागीदारी के लिए सीएक्सओ सीरीज के तहत अधिक से अधिक छात्र केंद्रित गतिविधियां आयोजित की जानी चाहिए।
श्री सुहैल आबिदी ने अपने जीवन के अनुभवों को छात्रों के साथ साझा किया जिससे एक जटिल विषय सरल हो गया। सुहैल आबिदी ने हमेशा बदलती दुनिया को अपनाने के लिए ज्ञान और कौशल के निरंतर उन्नयन पर जोर दिया। उन्होने एमआईटी, मैक किन्से एंड कंपनी और टाइम्स समूह जैसे प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा किए गए सर्वेक्षणों और शोधों पर आधारित डाटा बेस्ड व्याख्यान दिया। उन्हांेने नए युग में जीवित रहने के लिए सॉफ्ट स्किल्स के महत्व पर जोर दिया। इन सॉफ्ट स्किल्स में प्रभावी संचार, विविध संस्कृतियों के अनुकूलन, समय प्रबंधन आदि शामिल हैं।
प्रो. एसजेडएच जैदी ने वीयूसीए शब्द का अर्थ विस्तार से बताते हुए समझाया कि ‘योग्यतम की उत्तरजीविता’ का सिद्धांत केवल शारीरिक फिटनेस और शारीरिक शक्ति तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने वीयूसीए युग में जीवित रहने के लिए मानसिक, बौद्धिक, शैक्षणिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के महत्व पर विचार-विमर्श किया। प्रो जैदी ने इस अनिश्चित और अस्पष्ट समय में जीवित रहने के लिए मूल गुण के रूप में जीवन के लचीलापन के महत्व के बारे में बात की।
कार्यक्रम में संकाय सदस्यों के साथ बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।