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विशाखापत्तनम 25 अप्रैल: : विशाखापत्तनम के चिनमुशीडोवाड़ा में संकरा जयंती समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम संकर स्वर झरी का आयोजन किया गया।
“संगीत भूषण”, “स्वर सुधा कला पूर्ण”, “संगीत सुधानिधि”, संगीतकलानिधि डॉ कृष्ण मूर्ति पुरस्कार ग्रहीता श्रीमती जी शारदा सुब्रमण्यम ने कई भक्ति गीत गायीं हैं और अपने मधुर गायन से दर्शकों को भक्ति से मंत्रमुग्ध कर दिया।
“भारती भूषण”, “श्रीपति पद वाचस्पति”, “नंदी पुरस्कार स्वीक्रुथ”, “तिरुमाला ब्रह्मोत्सव व्यख्याता” श्री रामभटला नृसिम्हा सरमा ने अपने वाक्पटु भाषण से पूरे कार्यक्रम की व्याख्या की है।
श्रीमती शारदा सुब्रह्मण्यम के साथ उनके शिष्यगण, श्री पी. दुर्गा राव, श्रीमती डी.वी. गौरी, श्रीमती संगीता शैलेश, कुम वाई. भावना, श्रीमती वाई. कनकमहलक्ष्मी, श्रीमती के. सुभद्रा, श्रीमती जी. श्यामला, कुम जे. विद्याश्री, श्री डॉ. जी. शिवशंकर, श्री पी. आदित्य राम, कुम अक्षिता, कुम अक्षरा, कुम सान्वी, कुम परनिता, मास्टर रामचरण हैं। वाद्य कलाकारों में श्रीमती लक्ष्मी-वीणा पर, श्री गणेश- कीबोर्ड पर तथा श्री राजा-पैड पर संगीत का सहयोग दिऐं हैं। श्रीमती लीला रानी ने कलाकारों का परिचय दिया है। इस कार्यक्रम में विशाखा कलेक्टर मल्लिकार्जुन, एयू के पूर्व वीसी प्रसन्नकुमार, राजस्व विभाग के संयुक्त आयुक्त आजाद, आरजेसी सुरेश, डीसी विजयराज, अन्नमाचार्य परियोजना निदेशक विभीषण शर्मा, सीता निदेशक रामचंद्र, अर्चका अकादमी के निदेशक वेदांथम राजगोपाल चक्रवर्ती सहित कई अन्य लोगों ने भाग लिएं हैं।