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निकाय चुनावः : प्रत्याशियों की जीत के साथ-साथ मुख्यमंत्री * उप मुख्यमंत्री सहित 23 मंत्रियों की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी ***

***जेडीन्यूज़ विज़न ***

लखनऊ  :  : निकाय चुनाव के तहत गुरुवार को पहले चरण के 37 जिलों में होने वाले चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की जीत के साथ प्रदेश के 23 मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। प्रतिष्ठा के साथ ही इन मंत्रियों का भविष्य भी अपने घर के प्रत्याशियों की जीत पर टिका है। भाजपा के केन्द्रीय और प्रदेश नेतृत्व की निगाहें इन मंत्रियों पर लगी हैं। इतना ही नहीं इन जिलों के बनाए गए प्रभारी मंत्री भी प्रत्याशी की हार के लिए जिम्मेदार ठहराए जाएंगे।

आगरा में पूर्व विधायक हेमलता दिवाकर महापौर प्रत्याशी
आगरा में महापौर पद के लिए भाजपा ने पूर्व विधायक हेमलता दिवाकर को प्रत्याशी बनाया है। आगरा में केंद्रीय राज्यमंत्री और सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और आगरा से विधान परिषद सदस्य धर्मवीर प्रजापति भी मंत्री हैं। इन चार मंत्रियों के साथ जिले के प्रभारी मंत्री एके शर्मा पर भी पूरे जिले में कमल खिलाने की जिम्मेदारी है। इन मंत्रियों का भविष्य आगरा नगर निगम के साथ जिले की अन्य निकाय की सफलता से आंका जाएगा।

-प्रयागराज में भाजपा ने महानगर अध्यक्ष उमेश चंद्र गणेश केसरवानी को प्रत्याशी बनाया
प्रयागराज में भाजपा ने औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की पत्नी अभिलाषा नंदी का टिकट काटकर पार्टी के महानगर अध्यक्ष उमेश चंद्र गणेश केसरवानी को प्रत्याशी बनाया है। पत्नी की टिकट कटने के बाद से मंत्री नंदी के नाराज चलने की बात भी सामने आ रही है। हालांकि, वह पार्टी प्रत्याशी उमेश चंद्र के लिए काम करते दिख रहे हैं। पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में एक दिन पहले मुख्यमंत्री ने जनसभा भी की। वहीं, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी प्रयागराज में चुनाव की कमान संभालने के साथ पूरी ताकत झोंक रखी है। केशव पर कौशाम्बी जिले में नगर पालिका व नगर पंचायतों में भी जीत की पताका फहराने की जिम्मेदारी है। प्रयागराज में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह प्रभारी मंत्री हैं। वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। ऐसे में यहां पर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह समेत सब की नजर है। वाराणसी में भाजपा ने क्षेत्रीय मंत्री अशोक तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। वाराणसी में आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा दयालु, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन रविंद्र जायसवाल और श्रम कल्याण मंत्री अनिल राजभर की प्रतिष्ठा दांव पर है।

-योगी का अपने घर पर है पूरा फोकस०००
गोरखपुर में भाजपा ने डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव को प्रत्याशी बनाया है। मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश के हर जिले में जाकर जनसभा कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने अपने घर गोरखपुर पर भी पूरा फोकस किया है। मुख्यमंत्री ने अपने यहां ज्यादातर बागियों को मनाकर बिठा दिया है। मुख्यमंत्री वहां चुनावी सभाएं कर चुके हैं। गोरखपुर में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना प्रभारी मंत्री हैं। ऐसे में यह सीट बेहद अहम है।

-पाठक पर 25 जिलों की जिम्मेदारी०००
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पर लखनऊ में महापौर प्रत्याशी सुषमा खरकवाल को जिताने की जिम्मेदारी है। चूंकि, ब्रजेश पाठक उपमुख्यमंत्री हैं तो ऐसे में उन पर लखनऊ समेत अपने प्रभार वाले 25 जिलों की भी जिम्मेदारी है। प्रत्याशी को जिताने के लिए उपमुख्यमंत्री लखनऊ के सपा और कांग्रेस के नेताओं की ज्वाइनिंग करा कर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं। लखनऊ में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना पर भी जिम्मेदारी है।

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