***जेडीन्यूज़ विज़न ***
भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का सार क्या है? भगवान आज बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रेमपूर्वक हमारा मार्गदर्शन करें।
निर्वाण या मुक्ति प्राप्त करना आपका लक्ष्य होना चाहिए। निर्वाण का अर्थ है अपने जीवन के अंतिम क्षणों में आनंद का अनुभव करना। मनुष्य यह नहीं समझता कि वह क्या चाहता है और किसे अस्वीकार करता है।
आपको जीवन में तीन काम करने चाहिए। जिन्होंने तुम्हारा अहित किया है, उनका भला करो। दूसरों की की हुई बुराई को भूल जाओ और अपने द्वारा दूसरों की की गई भलाई को भी भूल जाओ। जो भूल गए हैं, भूर उचे उचे अर कुल वही यादो रखो जी बूलने वाली गोली है।
क्या याद रक्षा है ? दूसरों ने आपके साथ क्या किया है! आपके साथ किए गए अच्छे कामों को पवित्र मानकर याद करें और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें। अपने सभी कार्यों को धर्म के अनुरूप बनाएं। भगवान को याद करने से आप जो भी करेंगे वह पवित्र हो जाएगा!
बुरा मत देखो; अच्छा लगना। बुरा मत सुनो; बस अच्छा सुनो। बीमार मत बोलो; धीरे बोलो। बुरा मत सोचो; अच्छे से सोचो। बुराई नहीं है; अच्छे काम करें। यही ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग है। यही बुद्ध की शिक्षाओं का सार है।
भगवान श्री सत्य साईं बाबा जी द्वारा दिव्य प्रवचन।