***जेडीन्यूज़ विज़न ***
कर्नाटक विधान सभा चुनावों में भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करिश्मा नहीं चला, लेकिन उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के मैजिक से समूचा विपक्ष ध्वस्त हो गया।
शनिवार को सूबे में निकाय चुनाव और दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजों ने सपा की साइकिल को पंक्चर, बसपा के हाथी को बेदम और कांग्रेस के हाथ को भी साफ कर दिया है.
सूबे के 17 नगर निगम में महापौर पदों पर अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल हो गए है. भाजपा के सभी 17 उम्मीदवारों ने निर्णायक बढ़त ले ली है और देर शाम उन्हें विजेता घोषित कर दिया जाएगा. इसी प्रकार भाजपा के सहयोगी दल अपना दल (एस) ने रामपुर की स्वार सीट और मिर्जापुर की छानबे सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार को चुनाव हार दिया है.
निकाय चुनाव में भाजपा और उपचुनाव ही दोनों सीटों पर भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) को मिली सफलता को सीएम योगी का मैजिक बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि सीएम योगी के नेतृत्व में भाजपा ने निकाय चुनाव में मेयर की सभी 17 सीटों को अपनी झोली में डाल कर इतिहास रच दिया है
बीते निकाय चुनावों में भाजपा 14 निकायों में ही अपना मेयर बनवा सकी थी. अब भाजपा 17 नगर निगमों आगरा, झांसी, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद, सहारनपुर, मेरठ, लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन पर अपना झड़ा फहराने को है.
खबर लिखे जाने तक झांसी, अयोध्या, लखनऊ और सहारनपुर में भाजपा के उम्मीदवार को जीता घोषित किया जा चुका है, बाकी के नगर निगमों में भी भाजपा के उम्मीदवारों ने निर्णायक बढ़त ले ली है. सहारनपुर नगर निगम में भाजपा के प्रत्याशी डॉक्टर अजय सिंह लगभग 8850 मतों से जीते. यहां बीएसपी की खदीजा मसूद दूसरे स्थान पर रही हैं.
झांसी नगर निगम में भी भाजपा ने जीत दर्ज कर ली है. अयोध्या नगर निगम में भाजपा के कैंडिडेट महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने सपा उम्मीदवार आशीष पांडेय को 27 बजार वोटों से करारी शिकस्त दी है. वही सपा और बसपा एक भी नगर निगम में आने प्रत्याशी को जीता नहीं सके. बीते निकाय चुनाव में दो नगर निगमों में बसपा के उम्मीदवार जीते थे, इस बार वह दोनों नगर निगम भी बसपा से भाजपा ने छीन लिए हैं.
भाजपा नगर निगमों में ही नहीं नगर पालिका और नगर पंचायतों पर भी विपक्ष को झटका दे रही है. यूपी में नगर निकाय की कुल 760 सीटों पर चुनाव हुए हैं, जिनमें 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका और 544 नगर पंचायत की सीटें हैं. इसके अलावा 13 हजार के करीब वार्ड सदस्य की सीटें है.
खबर लिखे जाने तक नगर पालिका अध्यक्ष की 199 सीटों में से भाजपा 88 सीटों पर आगे है. इसी तरह नगर पंचायत की 544 अध्यक्ष पर की सीटों में 170 सीटों पर भाजपा आगे है. भाजपा की जीत का सेहरा सीएम योगी के सर पर बांधा जा रहा है.
नगर निकाय और विधानसभा ही दो सीटों पर हुए उपचुनाव में जीत की जो रणनीति तैयार ही गई वह सफल रही क्योंकि चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक सहित सभी मंत्री पूरे दमखम के साथ जुटे थे।
सीएम योगी ने ताबड़तोड़ जनसभाएं कीं. दोनों डिप्टी सीएम, सभी मंत्री, विधायक, सांसद भी चुनावी रण में जुटे रहे. बीजेपी ने विधानसभा और लोकसभा की तरह निकाय चुनाव लड़ा, जिसका उसे सियासी फायदा मिला.
अखिलेश यादव कुछ चुनिंदा सीटों पर ही जाकर प्रचार किए जबकि मायावती और प्रियंका गांधी नजर नहीं आई. ऐसे में जनता ने उसी दल को सरमाथे पर बिठाया जिसका मुखिया उनके पास वोट मांगने आया. सीएम योगी और उनके मंत्री जनता के बीच गए तो जनता ने भी भाजपा के उम्मीदवारों को अपना आशीर्वाद दे दिया.