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रायबरेली: : देश में बांग्लादेशियों और रोहिंग्या घुसपैठियों को भारतीय नागरिकता दिलाने के षड़यंत्र का खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में बेंगलुरु में पकड़े गए बांग्लादेशी जाकिर का जन्म प्रमाणपत्र रायबरेली से बनाने के साक्ष्य मिले हैं।
जाकिर ने मूल निवास प्रदेश के गाजियाबाद का दिखाकर सलोन ब्लॉक के प्यारेपुर गांव से जन्म प्रमाणपत्र बनवा लिया।
फर्जीवाड़े की पड़ताल करने के लिए मंगलवार को एनआईए की टीम रायबरेली पहुंची। बीती 18 जुलाई को फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद मास्टरमाइंड मो. जीशान, आरोपी वीडीओ विजय सिंह यादव समेत 18 शातिर गिरफ्तार किए जा चुके हैं। यूपी एटीएस मामले की जांच पहले से ही कर रही है।
सलोन ब्लॉक के नुरुद्दीनपुर, गढ़ी इस्लाम नगर, लहुरेपुर, सिरसिरा, गोपालपुर गांवों में 19426 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए जाने की पुष्टि हो चुकी है। पड़ताल में पाकिस्तान, नेपाल से जुड़े सीमावर्ती राज्यों बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, तमिलनाडु, केरल, पंजाब समेत करीब 12 प्रांतों के फर्जी प्रमाणपत्रों की पुष्टि हो चुकी है। जांच में पहली बार बांग्लादेशी का यहां से फर्जी प्रमाणपत्र बनाने का मामला समाने आया है।
एनआईए ने जुटाए दर्ज मुकदमे और कार्रवाई के दस्तावेज
बेंगलुरु से जांच करने के लिए मंगलवार को रायबरेली पहुंचे राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी संतोष, राजन ने दोषियों पर हुई कार्रवाई और एफआईआर से संबंधित दस्तावेजों को खंगाला। अभिलेखों की प्रति भी कब्जे में ली। टीम ने सबसे पहले सीएमओ कार्यालय पहुंचकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मिलकर जन्म प्रमाणपत्र जारी किए जाने की प्रक्रिया के संबंध में जानकारी ली।
बाद में सीडीओ अर्पित उपाध्याय और डीपीआरओ सौम्य शील सिंह भी मुलाकात की। आरोपी वीडीओ पर हुई निलंबन सहित अन्य कार्रवाई के संबंध में प्रपत्रों को खंगालने के बाद फोटोकॉपी लिया। सलोन कोतवाली में दर्ज मुकदमे और पकड़े गए आरोपियों के संबंध में भी जानकारी ली। सीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी आए थे। उन्होंने जन्म प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली है। इसके बाद विकास भवन पहुंचकर अधिकारियों से बात की है।
छह गांवों की जांच में खुलेंगे और बड़े राज
सलोन ब्लॉक के छह गांवों में फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों की जांच बाकी है। वीडीओ विजय सिंह यादव की पूर्व तैनाती वाले गांवों लहुरेपुर, सिरसिरा, नुरुद्दीनपुर, गोपालपुर उर्फ अनंतपुर, कालू जलालपुर, गढ़ी इस्लामनगर में फर्जीवाड़े की जांच अगस्त माह में ही पूरी हो चुकी है। इन गांवों में 19426 फर्जी प्रमाणपत्र मिले हैं, लेकिन वर्तमान तैनाती वाले छह गांवों पाल्हीपुर, दुबहन, पृथ्वीपुर, अवनानीश, माधपुर निनैया, सांडा सैदन में फर्जीवाड़े की जांच बाकी है। इन गांवों की जांच के बाद कई बड़े राज उजागर होने की उम्मीद है। आरोपी वीडीओ की आईडी और पासवर्ड का प्रयोग यूपी सहित अन्य राज्यों में भी किया गया है।
गृह मंत्रालय ने तलब की है रिपोर्ट…
इस संबंध में गृह मंत्रालय ने भी रिपोर्ट तलब की है। जिले के अधिकारी अब तक भारत सरकार को इस संबंध में रिपोर्ट नहीं भेज पाए हैं। सीएमओ ने गत सोमवार को ही डीपीआरओ को रिमाइंडर भेजकर तत्काल जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।
जी.F…