Jdnews Vision…
नई दिल्ली: : सर्वोच्च न्यायालय ने अंतिम वर्ष के विधि छात्रों को अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) में बैठने की अनुमति दे दी है, जो 24 नवंबर को होने वाली है। न्यायालय ने यह अंतरिम आदेश बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा अंतिम वर्ष के विधि छात्रों को अखिल भारतीय बार परीक्षा में पंजीकरण से बाहर रखने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।
याचिकाकर्ताओं ने प्रस्तुत किया कि बीसीआई का निर्णय बार काउंसिल ऑफ इंडिया बनाम बोनी फोई लॉ कॉलेज एवं अन्य में संविधान पीठ के निर्णय के विपरीत है, जिसके अनुसार अंतिम वर्ष के विधि छात्रों को अखिल भारतीय बार परीक्षा में उपस्थित होने की अनुमति दी जानी चाहिए।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा कि, उन्हें अंतिम वर्ष के विधि छात्रों के संबंध में नियम बनाने के लिए समय चाहिए। पीठ ने कहा कि वे नियम बनाने में समय ले सकते हैं, लेकिन उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अंतिम वर्ष के विधि छात्रों का एक साल बर्बाद न हो।
तदनुसार, पीठ ने अंतरिम निर्देश पारित किया। पीठ ने स्पष्ट किया कि यह आदेश सभी अंतिम वर्ष के विधि छात्रों पर लागू होगा, न कि केवल याचिकाकर्ताओं पर।
पीठ ने आदेश में कहा, “हम निर्देश देते हैं कि बीसीआई उन सभी छात्रों के पंजीकरण की अनुमति देगा जो बोनी फोई निर्णय के पैराग्राफ 38 के दायरे में आते हैं। एआईबीई के लिए उपरोक्त निर्देश 24 नवंबर के लिए निर्धारित है।
संविधान पीठ का निर्णय बोनी फोई लॉ कॉलेज के फैसले के पैराग्राफ 38 में संविधान पीठ ने कहा कि जिन छात्रों ने अपने लॉ कोर्स के अंतिम सेमेस्टर को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक सभी परीक्षाएं पास कर ली हैं, उन्हें अखिल भारतीय बार परीक्षा देने की अनुमति दी जा सकती है, बशर्ते वे सबूत पेश करें। हालांकि, परीक्षा के परिणाम तभी मान्य होंगे जब उम्मीदवार ने अपने कोर्स के सभी घटक पास कर लिए हों और वे एक निर्दिष्ट अवधि तक वैध रहेंगे।