नवग्रहस्तोत्र का नित्य पाठ करने से दूर होते हैं ग्रहदोष*
*रवि*
* जपाकुसुमा संकासम! कश्यपेयं महाद्युतिम* !!
*तमोरिम सर्वपपग्नम्*!
*प्राणथोस्मि दिवाकरम* !!
*चंद्रमा*
*दधि शंख तुषारभम, क्षीरोदार्णव भावम*
*नमामि शशिनाम सोमन, शम्भोरमकूट भूषणम्*
*मंगल*
— *धरणी गर्भ संभवम, दिक्त्रिकांति समाप्रभाम*
*कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगलम् प्रणमाम्यहम*
*बुधवार*–
*प्रियंगु कालिकश्याम, रूपेण प्रतिमाम बुद्ध*
*सौम्य सत्वगुणोपेतम, तम बुधं प्रणमाम्यहम*
*गुरु*
– *देवनांच ऋषिनांच, गुरु कंचन सन्निभम*
*बुद्धि मन्तम् त्रिलोकेश, तम नमामि बृहस्पतिम्*
*शुक्र*
— *हिमकुंड मृणालभम, दैत्यनाम परम गुरु*
*सर्व शास्त्र पैगंबर, भार्गवम, ताम प्रणामम्यहम*
*शनि*
– *नीलांजना समाभासम, रवि पुत्रम यमाग्रजम*
*छाय मार्तण्ड संभूतम्, तम नमामि शनैश्चरम्*
*राहु* –
*अर्धकायम महावीर, चंद्रादित्य विमर्दनम*
*सिंहिकागर्भ संभूतम्, तम रहुम प्रणमाम्यहम*
*केतु*
*फलश पुष्पसंकसम्, तारकग्रह मस्तकम्*
*रौद्रम रौद्रतमिनम, घोरम तम केतु प्रणामम्यहम*
के वी शर्मा
वरिष्ठ हिंदी पत्रकार
विशाखापत्तनम