आज का आधुनिक सुविचार
नवरात्रि जैसे पवित्र समय में लोग धर्मग्रंथों का पाठ करते हैं। इस साधना की सच्ची सफलता क्या है? भगवान आज हमें प्रेमपूर्वक निर्देश देते हैं।
आज सारी शिक्षा भौतिक जगत से संबंधित है। ईश्वर को प्रकट करने से काम नहीं चलेगा. इसने शंकराचार्य को पाणिनी का व्याकरण लिखने वाले एक विद्वान को यह सिखाने के लिए प्रेरित किया कि मृत्यु के समय केवल भगवान का नाम ही उसे बचाएगा, व्याकरण के नियम नहीं। हालाँकि यह शिक्षा सदियों से प्रचारित की जाती रही है, लेकिन बहुत कम लोग इसका अभ्यास करते हैं। बहुत से लोग दैनिक अनुष्ठान के रूप में रामायण पढ़ते हैं। लेकिन कितने लोग अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हैं? कितने लोग रामायण में वर्णित भाईचारे के स्नेह और प्रेम के गुणों का पालन करते हैं? क्या कोई श्री राम द्वारा प्रचारित धर्म के सुसमाचार के लिए खड़ा है? मेरे पति के लिए यह एक अच्छा विकल्प है क्या आपने कभी सोचा है? गीता को हर बार पढ़ा और समझा जाता है। क्या इसकी एक भी शिक्षा का आचरण किया जा रहा है? कदापि नहीं। गीता ईश्वर प्राप्ति का मार्ग बताती है। परन्तु केवल गीता का पाठ करना व्यर्थ है गीता का अनुसरण करें और उसके बताए मार्ग पर चलें। तभी आपको परिणाम मिलेगा.
– बाबाओं द्वारा दिव्य प्रवचन
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