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साहित्यकार संगम संस्था खुर्जा द्वारा श्री नारायण समाचार पत्रालय में काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया l संस्था के सचिव डॉ. विश्वम्भर दयाल अवस्थी ने साधारण सभा की बैठक के उपरांत गोष्ठी के संचालन का कार्य संस्था के संयोजक वेदप्रकाश गौतम को सौपा l सर्वप्रथम संस्था के संरक्षक डॉ. केशव कल्पांत और संस्था के अध्यक्ष प्रेमकुमार शर्मा ने माँ सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन कर पुष्पार्चन किया गया l इसके बाद डॉ. विश्वम्भर दयाल अवस्थी ने “इंसान की मुस्कान ही,
खुशियाँ बटोर लाती है l
खुशी हर इंसान में ,
मुस्कान ढूंढ लाती है ll”
कविता पढ़ी l इसके बाद जय प्रकाश शर्मा ने “चेत जाओ चेतने का वक्त आ गया, बिल्लियों की रोटी सारी बन्दर खा गया l” मदनेश शर्मा ने ” भाजपा ने समझा जो, राम से है राम राज l राम जी भाजपा को, सत्ता में बिठा गए ll”प्रेमकुमार शर्मा ने “चाहे स्वयं वो तंगी झेले, पति से वे न कहती है l घर में संकट आने पर वे, साथ खड़ी वो रहती है ll” वेदप्रकाश गौतम ने “खुर्जा भी मशहूर है, शहरों में है एक l इत जीटी रोड है, उत जंक्शन है एक ll” अंकित सारस्वत ने “जब सबने पूछा क्या लिखता हूँ, तब माँ बोला कुछ तो लिखता हूँ l लिखता हूँ बच्चों की किलकारी,हँसता गाता बचपन लिखता हूँ ll” डॉ. केशव कल्पांत जी ने भी सामाजिक एकता की कविता पढ़कर सभी श्रोताओं को मन्त्र मुग्ध कर दिया l काव्यगोष्ठी में डॉ. विश्वम्भर दयाल अवस्थी, प्रेम कुमार शर्मा, जय प्रकाश शर्मा, मदनेश शर्मा, वेदप्रकाश गौतम ‘अंकुर, डॉ. केशव “कल्पांत”, श्रीचंद गुप्ता, दुष्यंत कुमार, डॉ. लाल बाबू चौरसिया, बनवारी लाल पोद्दार, राजेंद्र गुप्ता , अंकित सारस्वत आदि मौजूद रहे l
सचिव
डॉ. विश्वम्भर दयाल अवस्थी
साहित्यकार संगम संस्था खुर्जा
बुलंदशहर (उ. प्र.)