भारत रत्न माननीय पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी की 100 वीं जयंती के पावन अवसर पर श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती द्वारा राष्ट्रीय आनलाईन कवि गोष्ठी आयोजित की गई।*
*इस राष्ट्रीय आनलाईन कवि गोष्ठी में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड एवं झारखंड से शामिल प्रसिद्ध कवयित्रियों द्वारा कविता प्रस्तुत की गई।*
*संस्थान द्वारा संचालित “विश्व संगीत पाठशाला” के संचालक संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी द्वारा स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी का जीवनी यशगान प्रस्तुत किया गया।*
*सक्ती छत्तीसगढ़:–* श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती छत्तीसगढ़ द्वारा संचालित “विश्व संगीत पाठशाला” में 13 राज्यों से सम्पूर्ण नशामुक्त व शुद्ध शाकाहारी शिक्षित व प्रबुद्ध 160 महिलाएं संगीत प्रशिक्षार्थी के रूप में शामिल हैं, जिसमें से कुछ विशेष प्रतिभा सम्पन्न संगीत साधिकाओं द्वारा शास्त्रीय संगीत परीक्षा की तैयारी की जा रही है, इस “विश्व संगीत प्रशिक्षण पाठशाला” में आज छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड एवं झारखंड से उपस्थित प्रबुद्ध संगीत साधिकाओं, छंदकारों व प्रसिद्ध कवयित्रियों द्वारा “भारत रत्न माननीय पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी” की 100 वीं जयंती के पावन अवसर पर सृजन संस्थान के संचालक संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी द्वारा आयोजित “अटल कवि गोष्ठी” में शामिल उक्त संगीत साधिकाओं द्वारा अपनी-अपनी स्वरचित कविता प्रस्तुत की गई।
इस अवसर पर संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा गुरूजी द्वारा “भारत रत्न माननीय पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी” के जीवनी यशगान प्रस्तुत किया गया।
वह “जीवनी यशगान” इस प्रकार है :–
माननीय पूर्व प्रधानमंत्री जी, शत्-शत् तुम्हें प्रणाम है!
अंत: हृदय से आज आपका, नमन वंदन सम्मान है!!
भारतवर्ष के पूर्व मुखिया जी, जन-जन के हितकारी!
आज आपका जन्म दिवस है, चरण कमल बलिहारी!!
हे श्रद्धेय श्री वाजपेई जी, नाम है अटल बिहारी!
माता श्रीमती कृष्णा देवी, पिता श्री कृष्ण बिहारी!!
ग्वालियर का सौभाग्य जगाया, मातृभूमि स्थान है!
25 दिसंबर 1924, जन्म दिवस वरदान है!!
भारत माता के चरणों में, सदा समर्पित जुटे रहे!
ले संकल्प राष्ट्र सेवा हित, ब्रम्हचारी आजन्म रहे!!
हृदय विशाल परिष्कृत वाणी, कविता आपकी जादू भरे!
साहित्य प्रेम स्पष्ट वादिता, राष्ट्र प्रेम उत्कृष्ट भरे!!
सन् सन्तावन से सांसद थे, राजनीति विद्वान हैं!
चिंतन और चरित्र आचरण, जीवन कीर्तिमान है!!
सन् छियानवे लोकसभा में, लोगों के मन भाये!
पहली बार प्रधानमंत्री बन, विजयी ध्वज फहराये!!
भारतीय जनता पार्टी में, खूब संगठन जमाये!
रहा अटल विश्वास आपका, सन् निन्यानबे में छाये!!
बाईस दल को साथ में लेकर, अद्भुत किया कमाल है!
रचा नया इतिहास आपने, यही तो युग निर्माण है!!
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन, की सरकार चलायी!
जनहित स्वरोजगार योजना, स्वजल धारा बहायी!!
महासेतु निर्माण कराया, ग्रामीण सड़कें बनायी!
राष्ट्रीय रेल विकास योजना, की शुरुवात करायी!!
हे यशस्वी पूर्व प्रधानमंत्री जी, शत्- शत् तुम्हें प्रणाम है!
“श्याम चन्द्रा सक्ती” से बोले, नमन वंदन सम्मान है!!
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इसी प्रकार उपरोक्तानुसार प्रसिद्ध कवयित्रियों में सर्वप्रथम श्रीमती शुभा शुक्ला ‘निशा’, श्रीमती सुषमा प्रेम पटेल, श्रीमती ज्योति परमाले रायपुर छत्तीसगढ़, डॉ. श्रीमती सपना गुप्ता इंदौर मध्यप्रदेश, श्रीमती रेणु मिश्रा गुरूग्राम हरियाणा, सेवा निवृत्त प्रोफेसर श्रीमती रेखा गुप्ता एवं श्रीमती वीणा गुप्ता जयपुर राजस्थान, प्रोफेसर श्रीमती ऋषिका वर्मा गढ़वाल विश्वविद्यालय उत्तराखंड, श्रीमती सुशीला कुमारी स्वास्थ्य विभाग चतरा झारखंड एवं श्रीमती श्रद्धा शर्मा शिक्षिका घरघोड़ा रायगढ़ द्वारा स्वरचित पद्यात्मक कविता एवं मौलिक विचार प्रस्तुत कर कार्यक्रम को सार्थक बनाया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना का “रजत जयंती वर्ष” के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी के विशेष योगदान को श्रद्धा भाव से याद कर उनका आभार मानते हुए संचालक संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा गुरूजी सहित “अटल कवि गोष्ठी” में उपस्थित उक्त सभी प्रबुद्ध संगीत साधिकाओं व कवयित्रियों द्वारा स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी को 100 वीं जयंती वर्ष पर नमन वंदन कर सामूहिक शांति पाठ के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।