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आस्था का महासंगम और अनुशासन का अप्रतिम उदाहरण…

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जब आखिरी दीप गंगा की लहरों में विलीन हुआ और संगम तट पर बिछी असंख्य पदचापें धुंधली पडऩे लगीं, तब एक ऐतिहासिक अध्याय अपने भव्य समापन की ओर अग्रसर था- महाकुंभ 2025, यह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, प्रशासनिक दक्षता और अनुशासन का एक अद्वितीय संगम था, जिसने भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति को वैश्विक पटल पर एक बार फिर स्थापित कर दिया। महाकुंभ जैसे विराट आयोजन की सफलता का श्रेय न केवल श्रद्धालुओं की श्रद्धा को जाता है, बल्कि उन अनगिनत सुरक्षा बलों, प्रशासनिक अधिकारियों और सफाई कर्मचारियों को भी, जिन्होंने इसे निर्बाध रूप से संपन्न किया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने जहां अनुशासन और सतर्कता का सर्वोत्तम प्रदर्शन किया, वहीं प्रशासन की मजबूत योजना और ज़मीनी क्रियान्वयन ने सुनिश्चित किया कि कोई भी श्रद्धालु असुविधा का अनुभव न करे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने कुंभ को न केवल एक धार्मिक आयोजन तक सीमित रखा, बल्कि इसे संस्कृति, स्वच्छता और प्रबंधन का मॉडल बना दिया। ‘पहले से बेहतर’ की नीति पर चलते हुए, प्रशासन ने सफाई व्यवस्था को इस स्तर तक पहुंचाया कि संगम तट दुनिया के सबसे स्वच्छ धार्मिक स्थलों में शुमार हो गया। अगर यह कहा जाए कि गंगा जल की निर्मलता से अधिक पवित्र सफाई कर्मचारियों का श्रम था, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। वे वेष से भले ही साधु-संत न थे, लेकिन कर्मों से सच्चे तपस्वी थे। दिन-रात गंगा घाटों को स्वच्छ बनाए रखने की उनकी प्रतिबद्धता ने दुनिया को एक संदेश दिया कि स्वच्छता भी एक साधना है। महाकुंभ की सफलता यह प्रमाणित करती है कि भारत एक साथ श्रद्धा, तकनीक, अनुशासन और प्रशासनिक कौशल का संतुलित मेल है। जहां एक ओर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का महासंगम था, वहीं दूसरी ओर डिजिटल ट्रैकिंग, AI-आधारित भीड़ नियंत्रण, स्वच्छता मिशन और सुचारू परिवहन व्यवस्था इसे 21वीं सदी का सबसे आधुनिक कुंभ बना गई। आज जब हम सभी श्रद्धालु महाकुंभ 25 को विदा कर रहे हैं, तो नमन है उन हज़ारों पुलिसकर्मियों, प्रशासनिक अधिकारियों और सफाई कर्मियों को, जिन्होंने अपनी नींद, आराम और सुख- सुविधाओं की आहुति देकर इस महासंगम को सफल बनाया। क्योंकि 144 साल बाद जब अगला महाकुंभ आएगा, श्रद्धालु उमड़ेंगे, गंगा की लहरें अटूट आस्था की गवाह बनेंगी, लेकिन हम ना रहेंगे, रहेंगी तो यादें महाकुंभ की स्वच्छता, सुरक्षा और समर्पण के अप्रतिम उदाहरण के रूप में…।

 G F….अनीता चौबे…..

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