जेडी न्यूज विजन… उत्तर प्रदेश गोण्डा….
तहसील व्यूरो चीफ मनकापुर….
अमर चन्द कसौधन….
** मानव को अपने कुल तारने हेतु प्रहलाद जैसी भक्ति करनी चाहिए ** पं सत्य देव त्रिपाठी….
** मन का विश्वास मत करो,ये बड़ा विश्वास घाती है,**
मनकापुर/ गोण्डा: : मानव को अपने कुल को तारने हेतु प्रहलाद जैसी भक्ति करनी चाहिए।
उक्त विचार बुधवार को कस्बे के मध्य स्थित प्रसिद्ध श्री बांनगढ़ देवी मंदिर में मो0 राजेंद्र नगर (लोहा मण्डी)निवासी विजय कुमार गुप्ता द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञान के सातवें दिवस व्यास पीठ से विद्वान मनीषी कथावाचक पंडित सत्यदेव त्रिपाठी (छठ्ठी लाल) ने कथा प्रसंग के दौरान श्रोताओं के समक्ष व्यक्त किये।
उन्होने कहा कि जीवन में धर्म, अर्थ, काम,मोक्ष के साथ-साथ मंत्र, ग्रन्थ, कन्त व सन्त भी होने चाहिए। जिससे सभी जीव का सर्वांगीण विकास व कल्याण होता है | जैसे चन्द्रमा के करीब आने पर निर्जीव जल भी ज्वार-भाटे के रूप में आन्दोलित हो जाता है।
श्री त्रिपाठी ने कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मन का विश्वास मत करो यह बड़ा विश्वासघाती है। उसे अंकुश में रखो ।
पं सत्यदेव त्रिपाठी ने उपस्थित सैकडो श्रोताओं को कथा मंदाकिनी में गोते लगाते हुए भक्त अजामिल के प्रसंग की चर्चा करते हुए बताया कि अजा का अर्थ है माया और माया में फँसा हुआ जीव ही अजामिल है |
एक वैश्या को देखने के बाद उसका मन दूषित हो गया | पाप प्रथम आँख द्व्रारा ही होता है | आँख बिगड़ी कि मन बिगड़ा और मन बिगड़ा तो जीवन बिगड़ा | सन्तों के कहने पर उसने अपने पुत्र का नाम नारायण रखा |
अन्तकाल में उसने यमदूतों से डरते नारायण-नारायण पुकारा, उसका पुत्र नारायण नहीं आया किन्तु विष्णुदूत आ गए | अन्त में अजामिल .भगवत के धाम को प्राप्त हुआ।
श्री त्रिपाठी ने ” चली जा रही है उम्र धीरे-धीरे ”
भजन गाया तो पूरे पंडाल में उपस्थित जन समुदाय नृत्य करने लगे | लोग झूमते हुए भाव विभोर हो गये.।
अन्त में भागवत कथा के मुख्य यजमान श्रीमती संगीता देवी पत्नी अनिल कुमार गुप्ता के साथ सभी श्रोताओ ने एक स्वर में ……………..मन में बसा कर तेरी मूर्ति, मैं गिरधर उतारू तेरी आरती …. गाकर गिरधर गोपाल की भव्य आरती उतारी.। और जयकारे लगाये। बांके बिहारी जी की जय… मइया बानगढ़ वाली की जय.. के गगन भेदी जयकारों से पूरा पंडाल गूंजाय मान रहा।
इस मौके पर मो0 सुभाष नगर सभासद अजय जायसवाल, पूर्व सभासद राजेन्द्र राज (पप्पन), पवन चौधरी, रत्नेश गुप्ता, रामकुमार कसौधन, नीलू गुप्ता, विपुल गुप्ता, झब्बर लाल सोनी, बेचू मौर्या, नवनीत गुप्ता, दिलीप गुप्ता, ललित मोदनवाल, विनोद मोदनवाल, पवन कसौधन, अजय गुप्ता, संजय गुप्ता, विजय गुप्ता, पदुम गुप्ता, शिवा गुप्ता, राम किशोर गुप्ता, राहुल गुप्ता, अजय गुप्ता, सूरज लाल गुप्ता, चेतन गुप्ता,व नगर के समस्त गुप्ता परिवार की महिलाएं एवं बच्चे मौजूद रहे।