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रणजीत सिंह की रिपोर्ट….
जिम्मेदार मौन, गुणवत्ता देखेगा कौन ?…
बलरामपुर / कुसमी, 10 अप्रैल। सड़क विकास का आईना होती हैं.सड़क किसी भी इलाके को विकास की ओर ले जाने का माध्यम होती है.लेकिन कुसमी से कोरंधा में ऐसी सड़क, पुलिया व नाली बनाई जा रही हैं. जो खुद ही चीख-चीख कर ये कह रही है. कि हां मेरे साथ भ्रष्टाचार हुआ है. मुझे ठेकेदारों ने कहीं का नहीं छोड़ा। भले ही सड़क बन जा रही हैं पर मैं ज्यादा दिनों तक आपकी सेवा नहीं दें सकूंगा।
उक्त वाक्या पिछली सरकार के बजट में शामिल वर्ष 2022-23 के तहत लोक निर्माण विभाग, उप संभाग कुसमी द्वारा कुसमी से कोरंधा 44 करोड़ 71 लाख 24 हजार रूपये की लागत से निर्माण किए जा रहें सड़क, पुलिया, नाली व तटबंध के लिए लिखी जा रही हैं। प्रदेश सरकार सड़क की गुणवत्ता को लेकर भले ही कई नियम बना लें पर उप संभाग कुसमी में इसका कोई असर नहीं पड़ता।
उल्लेखनिय हैं की कुसमी से कोरंधा तक सड़क निर्माण में कुल 45 नग पुलिया, 9 किलोमीटर नाली, रिहायसी स्थानों पर 3 किलोमीटर 700 मीटर नाली के ऊपर ढक्कन तथा 1 किलोमीटर 412 मीटर तटबंध का निर्माण किया जाना हैं. जिसकी दुरी 15 किलोमीटर 400 मीटर हैं। उक्त कार्य निविदा प्रक्रिया के तहत वेंडर जवाहर लाल गुप्ता अंबिकापुर द्वारा एसओआर दर से 18.18 प्रतिशत कम दर पर कराया जाना बताया गया हैं। एसओआर दर कम होने के कारण प्राकलन में शामिल प्रक्रिया व सामग्रीयों की चोरी की जा रही हैं। जिम्मेदार विभाग के अधिकारीयों द्वारा इस ओर मानिटरिंग नहीं किया जाना गैर-जिम्मेदाराना रवैये को प्रतीत कर रहा हैं।
वर्षों पूर्व वर्तमान सरगुजा सांसद ने क्षेत्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले किया था संघर्ष, आज स्थिति विपरीत…
उक्त मार्ग का कार्य लंबे समय के बाद भारी-भरकम राशि से तत्कालीन छत्तीसगढ़ सरकार के बजट में शामिल होने के बाद की जा रही हैं। और यह वही मार्ग हैं जहाँ से केंद्र की राजनीती में दखल रखने वाले वर्तमान सरगुजा सांसद चिंतामणि महराज का आना-जाना रहता हैं. क्योकि इसी मार्ग पर उनका गृहमार्ग श्रीकोट आश्रम व श्रीकोट ग्राम पंचायत हैं. जिस मार्ग के लिए सभी ने खूब संघर्ष किया हैं. वर्तमान सरगुजा सांसद ने इस मार्ग के लिए वर्ष 2012 के फरवरी माह में क्षेत्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुषो के साथ चक्का जाम व धरना प्रदर्शन क्षेत्र हित में किया था. जिसके अध्यक्ष वें स्वम् थे. इस सड़क में धरना के बाद राजनितिक गलियारों में वर्तमान सांसद का कद और भी ऊंचा कर दिया था. और जब इस समय चल रहें निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा रहा हैं तो इस ओर जिम्मेदार सांसद – विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी चुप्पी साधे हुवें हैं ? जो कई सवालों को जन्म दें रहा हैं।
जानिए क्या हैं गुणवत्ता में कमी..
कुसमी – कोरंधा मार्ग से गुजरने वाले कई ग्रामीणों ने कार्यों में गुणवत्ता नहीं रखें जाने की शिकायत बताई. जहाँ ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट लेने पर सामने आया की ठेकेदार द्वारा पुराने सड़क के कई स्थानों पर जीएसबी व डब्लूएमएम बिना किए. पुराने डामर को जेसीबी मशीन से खखोर कर बिना डामर हटाए सीधा डीपीएम व बीसी कर दिया जा रह हैं. जिसकी जाँच की जा सकती हैं. वहीं नाली निर्माण में स्टीमेट में शामिल छड़ की ड्राइंग अथवा डिजाईन मात्रा के विपरीत कम मात्रा में छडों को डाला जा रहा हैं। जिसे तस्वीरों देखा सकता हैं। साथ ही नाली, तटबंध में व्हाइभरेटर मशीन का उपयोग भी नहीं किया जाना तथा निर्माण कार्य कौन रहा हैं। क्या-क्या काम होना। कितना लागत हैं। कहा से कहा तक काम होना हैं। इस तरह का कोई भी बोर्ड नहीं लगाया गया हैं जो विभागीय अधिकारी व ठेकेदार के सांठ- गांठ को प्रतीत कर रहा हैं। आरोप यह भी सामने आये हैं की सब इंजिनियर समय – समय पर कार्यो की प्रगति की रिपोर्ट तैयार करने व फोटो खींचने आते हैं और चले जाते हैं। उन्हें निर्माण की गुणवत्ता से कोई सरोकार नहीं हैं।
बॉक्स में लगाए
उक्त मामलें में बलरामपुर कलेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा ने कहा दिखवाते हैं उसको, ईई घूमते हैं, सभी रोड़ देखते हैं।
उक्त मामलें में लोक निर्माण विभाग उप संभाग कुसमी के एसडीओ ज्योतिष तिग्गा ने कहा दिखवाता हूँ क्या कमी हैं। सब इंजिनियर को भी आवश्यक निर्देश देता हूँ। कार्य निर्माण वाला बोर्ड नहीं लगाए जाने के सवाल पर कहा डिस्टर्ब होता हैं इसलिए बोर्ड तो नहीं लगा हैं. बजट सत्र के किसी भी निर्माण में बोर्ड नहीं लगाया गया हैं. लग जाता तो बेहतर ही रहता।
लोक निर्माण विभाग के ईई मोहन राम भगत व सब इंजिनियर विनय गुप्ता से सम्पर्क करना चाहा गया पर उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।