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बिलासपुर में दूसरे दिन भी मॉक ड्रिल का आयोजन—प्राकृतिक और मानवीय आपदाओं से निपटने की तैयारियों का परीक्षण….

Jdnews Vision….

रणजीत सिंह की रिपोर्ट….

*एसएसपी और कलेक्टर के निर्देशन में सुरक्षा एजेंसियों ने संभाली ज़िम्मेदारी*

*मैग्नेटो मॉल और हाईटेक बस स्टैंड बने मॉक ड्रिल के केंद्र*

*फायर ब्रिगेड, डॉग स्क्वाड, SDRF और पुलिस की साझा भागीदारी*

*अग्निकांड, विस्फोट और संदिग्ध गतिविधियों के परिदृश्य पर अभ्यास*

*भीड़ प्रबंधन और आम नागरिकों की भागीदारी पर ज़ोर*

*रेलवे स्टेशन व 36 मॉल के बाद अब इन स्थानों पर भी सुरक्षा इंतज़ामों की समीक्षा*

आज दिनांक 11 मई 2025 को बिलासपुर शहर में आपदा प्रबंधन और आतंकी घटनाओं से निपटने हेतु दूसरे चरण की मॉक ड्रिल आयोजित की गई। यह अभ्यास मैग्नेटो मॉल और हाईटेक बस स्टैंड में किया गया, जिसमें ज़िले की विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर हिस्सा लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह (भा.पु.से.) और कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल (भा.प्र.से.) स्वयं पूरे ऑपरेशन का पर्यवेक्षण करते रहे।

*मैग्नेटो मॉल में प्रमुख सुरक्षा अभ्यास*

*आग लगने की घटना पर त्वरित प्रतिक्रिया* :
मॉल में एक आभासी अग्निकांड की स्थिति तैयार की गई, जिसमें फायर अलार्म बजते ही दमकल दल ने तत्परता से मोर्चा संभाला। आग बुझाने की प्रक्रिया के साथ-साथ मॉल में मौजूद लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभ्यास किया गया।

*संदिग्ध वस्तु की पहचान और निष्क्रियता* :
एक लावारिस बैग मिलने की स्थिति उत्पन्न की गई, जिसे डॉग स्क्वाड की सहायता से चिन्हित किया गया। तत्पश्चात बम निरोधक दस्ते द्वारा सुरक्षा मानकों के अनुसार निष्क्रियता की प्रक्रिया पूरी की गई।

*भीड़ प्रबंधन और सूचनात्मक प्रसार* :
मॉल परिसर में मौजूद नागरिकों को सुरक्षित ढंग से निकाला गया और अफवाहों से बचाने हेतु माइक और डिज़िटल संकेतों का प्रयोग किया गया। आमजन को उनकी भूमिका के बारे में जानकारी दी गई।

*हाईटेक बस स्टैंड पर अभ्यास की मुख्य बातें*

*संदिग्ध व्यक्ति पर कार्रवाई* :
बस स्टैंड में एक व्यक्ति के संदिग्ध व्यवहार की रिपोर्ट के बाद होम गार्ड्स और स्थानीय पुलिस ने उसे रोककर जांच-पड़ताल की। तलाशी और पहचान सुनिश्चित करने की पूरी प्रक्रिया को दर्शाया गया।

*विस्फोटक खोज एवं निष्क्रियता अभियान* :
डॉग स्क्वाड द्वारा बसों, प्रतीक्षालय और बैगेज एरिया में व्यापक खोज अभियान चलाया गया। एक संदिग्ध पैकेट मिलने पर बम निरोधक टीम ने आवश्यक सावधानियों के साथ उसे हैंडल किया।

*आपदा के समय निकासी और समन्वय* :
भीड़भाड़ वाले बस स्टैंड में यह प्रदर्शित किया गया कि किसी आपात स्थिति में कैसे तेज़ और सुरक्षित निकासी कराई जा सकती है। अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि संचार और दिशा-निर्देश प्रणाली सुचारू रूप से काम करे।
*वरिष्ठ अधिकारियों की सतत निगरानी* :
एसएसपी रजनेश सिंह एवं कलेक्टर संजय अग्रवाल ने मॉक ड्रिल की हर गतिविधि का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए और टीम के बीच बेहतर समन्वय की सराहना की।

इस मॉक ड्रिल की श्रृंखला का उद्देश्य समग्र सुरक्षा व्यवस्था को व्यवहारिक रूप से जांचना है, ताकि वास्तविक आपातकाल की स्थिति में प्रशासनिक एजेंसियाँ एवं आमजन एक साथ प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया दे सकें।

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