***जेडीन्यूज़ विज़न ***
हनुमान जी के मंदिरों में भक्तों ने सुंदरकाण्ड और हनुमान चालीसा का पाठ किया०००
-जगह-जगह किए गए भंडारे, भक्तों ने ग्रहण किया प्रसाद०००
लखनऊ : : जेठ माह के पहले बड़े मंगल पर हनुमान जी भक्ति से लखनपुरी सराबोर हो गई। जगह-जगह बड़े से स्पीकर से श्रीसुंदरकाण्ड, हनुमान चालीसा का पाठ सुनाई पड़ रहा था। भक्तों ने भंडारे-पौशाला लगवाई। वहीं हनुमान जी के प्रसिद्ध व प्राचीन अलीगंज के नए व पुराने हनुमान मंदिर सहित हनुमान सेतु,लेटे हुए हनुमान जी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भक्तों की काफी भीड़ रही। इसके अलावा शहर के अन्य क्षेत्रों में स्थापित छोटे व बड़े हनुमान मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ रही। भगवान श्रीराम के अनुज लक्ष्मण जी बसाई इस नगरी में वैसे तो प्रभु के भक्त हनुमान जी के कई शतकों पुराने प्राचीन मंदिर हैं, लेकिन जेठ मास के मंगल की खास परम्परा अलीगंज के नए हनुमान जी से ही निकली है, इसलिए इस मास में पड़ने वाले सभी मंगलवारों पर इस मंदिर में खास व्यवस्था की जाती है। सुबह से शाम तक हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं। मंगलवार की भोर से ही इस मंदिर के दर्शन के लिए भक्त पहुंचने लगे थे। भक्त प्रसाद और पुष्प लेकर लाईन में खड़े हुए थे। पट खुलते ही हनुमान जी की जयजयकार मंदिर गुंजायमान हो उठा। इससे पहले हनुमान जी महाराज का श्रृंगार किया गया और आरती की गई। मंदिर में सुबह से ही दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। भक्तों ने हनुमान जी को पुष्प, माला, बेसन व बूंदी के लड्डू, चोला चढ़ाया और स्तुति कर आशीर्वाद लिया। मंदिर में वालंटियर्स भक्तों को दर्शन कराने में सुविधा प्रदान कर रहे थे। सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद दिखाई पड़ रही थी। मंदिर में भक्तों को धूप से बचाव के लिए कनात को लगाया हुआ था। इसके अलावा यूनिवर्सटी रोड स्थित हनुमान सेतु मंदिर में भी भक्तों की काफी भीड़ रही। यहां सुबह हनुमान जी का श्रृंगार किया और उसके बाद दर्शन कराए गए। नए शहर के तरफ इस मंदिर की बड़ी मान्यता है। यहां पर भी काफी भक्त दर्शन के लिए आए। इसके अलावा छाछी कुंआ हनुमान मंदिर, पंचमुखी गुलाचीन मंदिर, अमीनाबाद स्थित श्रीमहावीर जी मंदिर, लालपुल के पास लेटे हुए हनुमान मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भजन-कीर्तन व सुंदरकांड का पाठ हुआ। बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में भी सुंदरकाण्ड का पाठ हुआ और भंडारा किया गया। वहीं भक्तों ने शहर में जगह-जगह भंडारे लगवाए। पूड़ी-सब्जी, छोला-चावल, बूंदी के अलावा अन्य चींजे भी बटवाई। आते-जाते लोगों ने अपने वाहन रूककर प्रसाद ग्रहण किया।