श्री कृष्ण जन्माष्टमी विशेष –
आओं हमसब मिलकर बाल गोपाल का 5251वां जन्मोत्सव मनाएं, जिसने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया : राष्ट्रवादी चिंतक राजेश खुराना
जगत के पालनहार की कृपा से सभी के जीवन में सुख-समृद्धि आये और उत्तम स्वास्थ प्राप्त हो, यही हमारी प्रार्थना हैं : राष्ट्रवादी चिंतक राजेश खुराना
आगरा। सारे ब्रज में शोर है, आयो नन्दकिशोर हैं। जगमग हो गयी ज़ेल की काली कोठरी प्रभु ने ऐसी माया डारी, संसार को तारने धरती पर आए कृष्ण मुरारी। आओ मिलकर ख़ुशी मनाएं बाल गोपाल के जन्म दिन की, जिसने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया। आइएं उनके गुण गाएं, सब मिलकर भारतीय जनमानस में भक्ति, प्रेम, आदर्श व नीति के समागम भाव का प्रवाह करने वाले भगवान योगेश्वर का 5251वां जन्मोत्सव मनाएं।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के पावन पर्व पर वरिष्ठ समाजसेवी एवं राष्ट्रवादी सामाजिक चिंतक राजेश खुराना ने समस्त देशवासियों को भगवान श्रीकृष्ण के 5251वें जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दी और कहा, भगवान श्री कृष्ण की कृपा से सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो और भगवान लड्डू गोपाल के आशीर्वाद से घर-घर में सुख, शांति, समृद्धि, मंगल, आनंद की सरिता प्रवाहमान हो। दु:ख मिटे, सौहार्द बढ़े, जन-जन का कल्याण हो। बालगोपाल सब पर कृपा करें। जगत के पालनहार की कृपा से आप सभी के जीवन में खुशहाली, सुख-समृद्धि आये और उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त हो, यही हमारी कामना हैं। भगवान श्री कृष्ण जी सदा अपने भक्तों के हृदय में विराजमान रहते हुए उन पर चिरकाल तक कृपा बरसाते रहे़ंंते है। सभी को स्वस्थ रखें, आरोग्यता प्रदान करें एवं सुख, समृद्धि, संपन्नता का आशीर्वाद दें और हम सभी पर अपनी कृपा बनाए रखें। चक्रधारी द्वारिकाधीश सबको रोग, शोक एवं भय से मुक्त कर अपनी शरण प्रदान करें। उनकी कृपा आप सभी पर सदैव बनी रहे। हर घर-आंगन सुख, समृद्धि, खुशहाली व आनंद से परिपूर्ण रहे। भक्ति और उल्लास का यह पर्व सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लेकर आए यही प्रार्थना हैं।
उन्होंने कहा, आओं हमसब मिलकर बाल गोपाल का जन्मोत्सव मनाएं, जिसने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया। भगवान श्रीकृष्ण बेहद दयालु एवं कृपालु हैं, उन्होंने पूरी दुनियां को प्रेम, करुणा और सत्य के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी। भगवान श्रीकृष्ण से प्रेम के साथ-साथ जीवन के सबसे खराब दौर में कैसे अच्छा परिणाम पाएं इसका गुण भी हम लोग सीख सकते हैं। अपने जन्म से लेकर लीला समाप्ति तक, अपने पूरे अवतार के समय तक श्रीकृष्ण ने कई संघर्षों को सुलझाया। खराब से खराब परिस्थिति को अपने अनुकूल बनाने की कला सिर्फ श्रीकृष्ण में ही हैं। उनके जीवन की छोटी से छोटी घटना से यह सिद्ध होता है कि श्री कृष्ण सर्वैश्वर्य सम्पन्न हैं। उनकी शिक्षा और सूत्रों को समझकर कोई भी इंसान अपने जीवन में छोटे-छोटे बदलावों से उन्नति कर सकता है। श्रीकृष्ण के आदर्शों से ही देश एवं दुनिया में शाति स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त होगा। श्रीकृष्ण के प्रबंधन रहस्य को समझना होगा कि उन्होंने किस प्रकार व्यावहारिक लोकतंत्र, सामाजिक समरसता, एकात्म मानववाद, अनुशासित सैन्य एवं युद्ध संचालन और आदर्श राजनीति का कुशलता से संचालन किया। श्रीकृष्ण का चरित्र एक प्रभावी एवं सफल लोकनायक का चरित्र है। हमें उनके संदेशों और उनके जीवन की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने जीवन में प्रेम, करुणा और सत्य को बढ़ावा देना चाहिए और श्रीकृष्ण के जीवन से सीखें कि जीवन दुःख और विषाद से महोत्सव तक की यात्रा कैसे करता है। श्रीकृष्ण के आदर्शों से ही देश एवं दुनिया में शांति स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त होगा। श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर आज भारत का निर्माण उनकी शिक्षाओं, जीवन – आदर्शों, प्रबंधन-कौशल एवं सिद्धान्तों पर करने की अपेक्षा है, तभी सभी भारतीय सशक्त होंगे और तभी भारत सही अर्थों में विकसित राष्ट्र बन सकेगा।
श्री खुराना ने आगे कहा, श्रीकृष्ण जी कण – कण में है, वो जीवन के हर रंग में है। वो अंग – अंग में है, वो हर व्यक्ति के संग में है। वो पूरी दुनियां में आकर्षण का प्रतीक है। तो जो भी जैसे भी जिसको आकर्षित करे वह उसका कृष्ण है। सुदर्शन’ जैसा शस्त्र होने के बाद भी यदि हाथ में हमेशा मुरली है, तो वो कृष्ण हैं। द्वारिका का वैभव होने के बाद भी यदि सुदामा मित्र है, तो वो कृष्ण हैं। मृत्यु के फन पर मौजूद होने पर भी यदि नृत्य है, तो वो कृष्ण हैं। सर्वसामर्थ्य होने पर भी यदि सारथी बने हैं, तो वो कृष्ण, जगत के पालनहार, ठाकुरजी, लीलाधारी, श्रीगोवर्धन गिरधारी, गोविन्द मुरारी, नंदनंदन, बृजनन्दन, देवकीनंदन, आनन्दकन्द, भक्तवत्सल, यशोदा मैया के लाल, काला, योगेश्वर, गोकुल के नटखट नंद गोपाल, मथुरा के नाथ, भगवान विष्णुजी के परम अवतार योगेश्वर, धर्म स्थापना, लोक-संरक्षण, शांति व सामूहिकता के प्रति अखिल विश्व-चेतना का पथ-प्रदर्शित करने वाले, यशोदानंदन, भुवन, मोहन, कन्हैया, राधानागर, यशोदानंदन एवं जगत के पालनहार, बांके बिहारी, धर्म स्थापना, लोक-संरक्षण, शांति व सामूहिकता के प्रति अखिल विश्व-चेतना का पथ-प्रदर्शित करने वाले, वात्सल्यभाव, प्रेम, करुणा जैसे 64 कलाओं से समाहित परमावतार योगेश्वर, योगीराज, सत्य के सारथि और संरक्षक, सुदर्शनधारी, कृष्णमुरारी, बाकेबिहारी, ब्रजअवतारी, चराचर जगत का कल्याण करें, जिनकी हर लीला में है सत्य, धर्म व कर्म का सामंजस्य, अन्याय का प्रतिकार और प्रकृति की रक्षा का संदेश, ऐसे लीलाधर, श्याम सुंदर, मुरली मनोहर, सुदर्शन श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव सभी के जीवन को आनंद, उल्लास और माधुर्य से भर दे ऐसी मेरी प्रार्थना है। भगवान श्रीकृष्ण सभी का कल्याण करें। इस कामना के साथ समस्त देशवासियों को भगवान श्रीकृष्ण के 5251वें जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।