Breaking News

…..शरद पूर्णिमा….

Jdñews Vision…

शरद पूर्णिमा….

विकसित मयंक नभ नील पटल पर,श्वेत कँवल सम मनहर है।
तारिकाओं के मध्य सुशोभित ,चंद्र छवि अति सुखकर है।

अश्विन मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा,शुभ सुखद संयोग सजे।
सोलह कलाओं से आज विभूषित, चाँद देख मन चकोर बने।
बरसे अम्बर से सुधा रस यामिनी, तन- मन अनुप्राणित ,उमंग भरे।
आज शशांक धरा के सम्मुख, उतरा ज्यों प्रणय की आस धरे।

देव- दनुज अमृत मंथन में, सिंधु सुता प्रकटी जग के हित।
कंचन कलश ,कंचन आपूरित, हुए लक्ष्मी- नारायण आज सम्पूरित।
माँ लक्ष्मी शुभ पद संग विचरण, दुख-दैन्य, दरिद्रता का करती हैं उन्मूलन।
घर- आँगन स्वर्ण बरसाती, सच्चे मन से जो करता आवाह्न।
पूजन आज के दिन जो करता, मैया की शुभ दृष्टि से फलता।
तुलसी दल हरि पद जो चढ़ाता,होता धन्य,उत्तम फल पाता

शरद ज्योत्सना तट कालिन्दी, महारास की धूम मचे।
मृदुल मधुर गुन्जित स्वर लहरी, प्रेम की रसधार बहे।
राधा-माधव,माधव- गोपी, कान्हा के ही प्रतिरूप दिखें।
ब्रजबाला विस्मृत कर जग को,मानो कान्हा संग रास करें।
तीर्थ हो गये गोकुल- वृन्दावन, कनक हो गई यमुना रेणु।
शरद पूर्णिमा का पावन दिन,युग – युग याद करे माधव वेणु।।
————-मंजू शकुन खरे——

About admin

Check Also

…. गाय की व्यथा……..

एक दिन जब पशु वधशाला में कोई गाय को मारने आया… गौ उसे देखकर मुस्कुराया। …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *