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(रिपोर्टर रामपाल उपाध्याय)
कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर में तिलहन गोष्ठी संपन्न हुई।उप कृषि निदेशक गोंडा एवं कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय किसान महिला दिवस के अवसर पर आज दिनांक 15 अक्टूबर 2024 को कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर में तिलहन गोष्ठी आयोजित कर तोरिया एवं सरसों फसलों की उत्पादन तकनीक के बारे में जानकारी दी गई । डॉ. एस के वर्मा वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर ने धान व गेहूं के फसल चक्र में तोरिया एवं सरसों फसलों को शामिल करने की सलाह दी । उन्होंने बताया कि धान गेहूं फसल चक्र लगातार अपनाने से मृदा की उर्वरा शक्ति कमजोर हो जाती है । धान गेहूं के फसल चक्र में रबी में दलहनी एवं तिलहनी फसलों का समावेश अति आवश्यक है । डॉ. रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने तोरिया व सरसों की उन्नतशील प्रजातियां, भूमि एवं भूमि की तैयारी, बुवाई, खरपतवार प्रबंधन, उर्वरक प्रबंधन आदि की जानकारी दी । डॉ. डी के श्रीवास्तव वरिष्ठ वैज्ञानिक पशुपालन ने तिलहनी फसलों में कार्बनिक खादों जैसे गोबर की खाद एवं कंपोस्ट खाद के प्रयोग की सलाह दी । उन्होंने बताया कि कार्बनिक खादों के प्रयोग से मृदा में जीवांश कार्बन की मात्रा बढ़ जाती है । डॉ. अजीत सिंह वत्स वरिष्ठ वैज्ञानिक ने तोरिया एवं सरसों की फसल में बीज शोधन, बीज उपचार एवं एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि जैव फफूंदीनाशक ट्राइकोडर्मा पाउडर की 5 ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीज शोधन करें । डॉ. मनोज कुमार सिंह उद्यान वैज्ञानिक ने तोरिया एवं सरसों की फसल में सिंचाई प्रबंधन की जानकारी दी । डॉ. ज्ञानदीप गुप्ता मत्स्य वैज्ञानिक ने मत्स्य तालाबों के बंधों पर तोरिया एवं सरसों की बुवाई कर अतिरिक्त उत्पादन प्राप्त करने की सलाह दी । इस अवसर पर श्रीमती बालिका शर्मा, शारदा देवी सुनीता यादव आदि सहित काफी संख्या में महिला कृषकों ने प्रतिभाग कर जानकारी प्राप्त की ।