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लखनऊ: : संस्था अनुरागिनी ने सामाजिक कार्यों के 28 वर्षों का सफर पूरा कर लिया है। इस उपलक्ष्य में चल रहे सेवा सप्ताह के समापन पर रविवार को लखनऊ में ‘गोमती स्वच्छता संकल्प’ कार्यक्रम किया गया। इसका मकसद गोमती किनारे सफाई एवं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, संस्था के सदस्यों, युवाओं ने हिस्सा लिया और गोमती को स्वच्छ रखने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम शुभारंभ संकल्प समारोह से हुआ। इसमें अनुरागिनी संस्था ने भविष्य में और अधिक स्वच्छता अभियानों और जागरूकता कार्यक्रम का संकल्प भी लिया, जिससे स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की भावना को बढ़ावा दिया जा सके। इस दौरान उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड के निदेशक हीरेंद्र मिश्रा, उत्तराखंड महापरिषद के महासचिव भारत सिंह बिष्ट, अवध विकास परिषद के अध्यक्ष अरविंद मिश्र, संजय श्रीवास्तव, पीयूष मिश्रा, सर्वेश यादव, प्रद्युम्न सिंह, नितिन सैनी, प्रिंस यादव, ऋषि नामदेव, कृष्ण कुमार ओझा, संजय चौहान, शौर्य प्रताप सिंह, ब्रजेश कश्यप, मदन सिंह बिष्ट, सत्य प्रकाश एवं अन्य सामाजिक कार्यकर्ता अभियान में सहभागी बने। इस दौरान उपस्थित लोगों ने संस्था के अध्यक्ष डॉ.प्रवीण सिंह जादौन की अगुवाई में प्लास्टिक प्रदूषण के प्रति जागरूकता का संकल्प लिया। इसके बाद गोमती किनारे बिखरे प्लास्टिक और अन्य कचरे को इकट्ठा किया गया। स्वयंसेवकों ने कचरे को निर्धारित कचरा स्थल तक पहुंचाया। लोगों को प्लास्टिक प्रदूषण और स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक किया गया।
अनुरागिनी संस्था के अध्यक्ष डॉ.प्रवीण सिंह जादौन ने कहा कि नदी और अन्य जल स्रोतों की स्वच्छता हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। हम सभी को इस दिशा में मिलकर काम करना होगा। नदी के प्रदूषण का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण पर पड़ता है और इसे नियंत्रित करना अत्यंत आवश्यक है। संस्था के इस ‘गोमती स्वच्छता संकल्प’ का उद्देश्य न केवल नदी किनारे की सफाई करना था, बल्कि लोगों को इसके महत्व के प्रति जागरूक भी है। संस्था आने वाले समय में भी स्वच्छता अभियान चलाती रहेगी, ताकि पर्यावरण को सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त बनाया जा सके। संस्था ने 28 वर्षों के सामाजिक कार्यों में कई क्षेत्रों में काम किया है, जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, जल संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।
कार्यक्रम का समापन उपस्थित लोगों की ओर से स्वच्छता का संकल्प लेने के साथ हुआ। सभी ने शपथ की कि वह न केवल स्वयं साफ-सफाई का ध्यान रखेंगे, बल्कि दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे। इस आयोजन ने लोगों में उत्साह और ऊर्जा का संचार किया और गोमती नदी की स्वच्छता के प्रति उनकी जिम्मेदारी को पुनः जागरूक किया।