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लखनूय: : बसों में सीटिंग क्षमता की जांच की जाएगी। गड़बड़ी मिलने पर परमिट निरस्त की जाएगी। लखनऊ की घटना को परिवहन आयुक्त ने रविवार को सभी संभागीय परिवहन अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि अमूमन देखा जाता है कि यात्री वाहनों बस, मिनी बस के स्वामियों द्वारा बसों के मानक में बदलाव करते हुए सीटिंग क्षमता बदल दी जाती है। निर्धारित क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाकर ओवरलोडिंग की जाती है। ऐसी बसों के खिलाफ कार्रवाई करें।
आरटीओ प्रशासन शिखर ओझा ने बताया कि परिवहन आयुक्त ने निर्देश दिया कि सभी प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा सीज की गई बसों का तकनीकी निरीक्षण जनपद में तैनात संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) द्वारा किया जाएगा।
बसों का तकनीकी निरीक्षण बस बॉडी कोड, (बस बॉडी एआईएस-52, स्लीपर बस बॉडी कोड एआईएस-119) के अनुसार किया जाएगा। यदि वाहन बस बॉडी कोड से भिन्न निर्मित पाई जाती है या बस के संबंध में परमिट शर्तों के उल्लंघन में तीन या तीन से अधिक चालान पूर्व में किए जा चुके हों तो ऐसी बसों का पंजीयन निलंबन किया जाएगा।
बस के संबंध में परमिट शर्तों के उल्लंघन में पूर्व में कोई चालान नहीं पाया जाता है या तीन से कम चालान पाया जाता है, तो ऐसी बसों के स्वामी से इस आशय का शपथपत्र प्राप्त किया जाएगा कि उनके द्वारा भविष्य में परमिट शर्तों का उल्लंघन कर संचालन नहीं किया जाएगा।
सुनिश्चित कर लिया जाए कि यात्री वाहन में शीशे, खिड़की, दरवाजा, आपातकालीन दरवाजा आदि ठीक हालत में हों। एनीव्हेयर फिटनेस के तहत फिटनेस करने वाले जनपद से बस की स्पष्ट फोटोग्राफ मंगवाकर देखी जाए व मानक अनुरूप पाये जाने पर ही फिटनेस प्रमाण-पत्र निर्गत किया जाए।